अरशद जमाल ने की पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा, कहा – यह इस्लाम की आत्मा पर हमला है

Report By : आसिफ अंसारी
मऊ : कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की देशभर में आलोचना हो रही है। मऊ नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष अरशद जमाल ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे न केवल मानवता के खिलाफ बल्कि इस्लाम की आत्मा पर भी एक बड़ा हमला बताया है। उन्होंने कहा कि हम सब इस समय गहरे दुख और पीड़ा में हैं। यह ऐसा क्षण है जिसे शब्दों में बयां कर पाना बहुत मुश्किल है। यह हमारे दिलों को झकझोर देने वाली घटना है।
अरशद जमाल ने कहा कि इस हमले में जिन लोगों की जानें गई हैं, हम उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्माओं को शांति मिले और जो लोग घायल हैं वे जल्द से जल्द स्वस्थ हों।
उन्होंने आगे कहा कि इस्लाम कभी भी किसी प्रकार के आतंक या हिंसा का समर्थन नहीं करता। इस्लाम का मूल संदेश शांति, सह-अस्तित्व और इंसानियत है। अरशद जमाल ने कुरान का हवाला देते हुए कहा, “अगर किसी ने किसी एक निर्दोष इंसान की जान ली, तो उसने पूरी मानवता की हत्या की। और अगर किसी ने एक इंसान की जान बचाई, तो उसने पूरी मानवता को बचा लिया।” उन्होंने कहा कि इस हमले को इस्लाम से जोड़ना पूरी तरह से गलत है, क्योंकि इस्लाम की आत्मा शांति और करुणा है।
श्री जमाल ने यह भी कहा कि इस हमले में 28 लोगों की जानें जाना बेहद दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि इस आतंकी कृत्य को अंजाम देने वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों के लिए कोई माफी नहीं हो सकती और इस तरह के लोगों को सख्ती से सज़ा दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और इस प्रकार की हिंसा करने की हिम्मत न कर सके।
उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और ऑल इंडिया मिल्ली कौंसिल का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने इस घटना के मद्देनज़र वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन को तीन दिन के लिए स्थगित कर दिया है। अरशद जमाल ने कहा कि यह निर्णय इस्लाम की उस भावना को दर्शाता है, जिसमें दुख की घड़ी में समाज के साथ खड़े रहना और एकजुटता दिखाना सिखाया जाता है।
श्री जमाल ने अंत में कहा कि हम सभी को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े होना चाहिए और समाज में शांति, भाईचारे और इंसानियत का संदेश फैलाना चाहिए।