देहरादून: यह बैठक राष्ट्रीय ई-विधान (NeVa) के अंतर्गत विधानसभा की डिजिटलीकरण प्रक्रिया पर केंद्रित थी, जिसमें उन्होंने अफसरों से डिजिटल ट्रांज़िशन की तैयारियों और प्रक्रियाओं पर विस्तृत चर्चा की।
विधानसभा भवन, देहरादून में आयोजित इस बैठक के दौरान ऋतु खण्डूडी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आगामी सत्र को पूर्ण रूप से डिजिटल करने की योजना पर तेजी से कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता यह है कि अगले सत्र से पहले विधानसभा को पूर्णतः डिजिटल कर दिया जाए, जिससे न केवल कागजों का उपयोग कम होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी यह एक बड़ा कदम साबित होगा। साथ ही, इससे सत्र संबंधित पत्राचार की प्रक्रिया में समय और संसाधनों की भी बचत होगी।”
ऋतु खण्डूडी ने अधिकारियों को इस प्रक्रिया की गंभीरता और महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ट्रेनिंग में सभी अफसरों को अपना 100% देना होगा ताकि किसी भी तकनीकी समस्या या नई कार्यप्रणाली को लेकर भविष्य में कोई कठिनाई न हो।
उन्होंने कहा, “डिजिटल प्रणाली के जरिए न केवल पारदर्शिता और दक्षता में सुधार होगा, बल्कि सत्र संबंधित दस्तावेजों को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय भेजने में होने वाले खर्च में भी कमी आएगी। इससे सरकारी कर्मचारियों के श्रम और ईंधन की भी बचत होगी। हम हर कदम पर साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे ताकि किसी भी प्रकार के साइबर अटैक की संभावना को समाप्त किया जा सके।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और आने वाले समय में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी डिजिटल प्रक्रियाएं पूरी तरह सुरक्षित रहें। उन्होंने सभी अफसरों से कहा कि यह प्रक्रिया केवल तकनीकी बदलाव नहीं है, बल्कि इसे उत्तराखंड विधानसभा के कामकाज में एक नई शुरुआत के रूप में देखा जाना चाहिए। बैठक के अंत में सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग से जुड़े तकनीकी और प्रशासनिक पहलुओं पर सुझाव दिए और डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए अपने संपूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक में विधानसभा अध्यक्ष के विशेष कार्याधिकारी अशोक शाह, प्रभारी सचिव हेम पंत, संयुक्त सचिव चन्द्रमोहन गोस्वामी, वरिष्ठ व्यवस्था अधिकारी दीप चंद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।