गाजीपुर में जातिसूचक शब्द को लेकर धमकी पर बवाल, यादव महासभा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

Report By: आसिफ अंसारी

गाजीपुर जनपद में जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल कर गला काट देने की धमकी देने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए यादव महासभा व पिछड़ा दलित विकास महासंघ के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष श्री सुजीत यादव ने जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक (एसपी) से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी भी समाज में इस प्रकार की घिनौनी मानसिकता और अत्याचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

घटना की जानकारी
मिली जानकारी के अनुसार, पीड़ित जितेन्द्र यादव को अहीर जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित किया गया और साथ ही खुलेआम जान से मारने की धमकी भी दी गई। आरोप है कि आरोपी ने जितेन्द्र यादव को “गला काट देने” जैसी घातक धमकी दी, जो न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि सामाजिक सद्भाव को भी ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है।

जिलाध्यक्ष की तीखी प्रतिक्रिया:
इस गंभीर मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए यादव महासभा के जिलाध्यक्ष सुजीत यादव ने कहा,
हम समाज में इस तरह के जातिवादी मानसिकता के लोगों को पनपने नहीं देंगे। यह मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं, पूरे यादव समाज की गरिमा से जुड़ा है। हम गाजीपुर एसपी महोदय से निवेदन नहीं, अपील करते हैं कि ऐसे अपराधी को तुरंत गिरफ्तार कर कठोरतम सजा दिलवाई जाए।”
उन्होंने आगे कहा कि पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए यादव महासभा और पिछड़ा दलित विकास महासंघ कानूनी और सामाजिक स्तर पर हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।

समाज के बीच आक्रोश:
इस घटना के सामने आने के बाद जिले के कई सामाजिक संगठनों में आक्रोश फैल गया है। लोग यह मांग कर रहे हैं कि जाति के नाम पर अपमान और धमकी देने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि समाज में एक मिसाल कायम हो सके।

सामाजिक सौहार्द बनाए रखना आवश्यक:
सुजीत यादव ने जनता से भी अपील की कि ऐसे मुद्दों पर शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाई जाए। उन्होंने कहा कि समाज को जोड़ने और न्याय के लिए लड़ने का रास्ता कानून और संविधान से होकर ही गुजरता है। समाज को बांटने वाले तत्वों को हरगिज़ सफल नहीं होने दिया जाएगा।

पुलिस प्रशासन पर दबाव:
मामले को लेकर अब जिला प्रशासन पर भी दबाव बढ़ रहा है कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाए और इस मामले में निष्पक्ष एवं त्वरित न्याय दिलाया जाए। यादव महासभा और अन्य सामाजिक संगठनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पीड़ित को न्याय नहीं मिलता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।

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