गाजीपुर: हाईकोर्ट भर्ती परीक्षा में बड़ा खुलासा, सॉल्वर गैंग के चार सदस्य गिरफ्तार
Published By : Mukesh Kumar
गाजीपुर में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। रविवार को हाईकोर्ट द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग की सक्रियता का भंडाफोड़ करते हुए स्वाट, सर्विलांस और कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। ये सभी आरोपी राय कॉलोनी स्थित एक किराए के मकान से पकड़े गए, जहां वे अपनी गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में तीन गाजीपुर जिले के और एक बिहार के रहने वाले हैं। इनके पास से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज बरामद हुए। इनमें तीन वाईफाई राउटर, 20 सिम कार्ड, छोटा और बड़ा वॉकी-टॉकी, स्कैनर, अभ्यर्थियों के मूल प्रमाण पत्र, हस्ताक्षरित ब्लैंक चेक, और ब्लैंक स्टांप पेपर शामिल हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान इस प्रकार हुई:
1. सर्वजीत सिंह (हरिबल्लभपुर, गाजीपुर)
2. श्रवण यादव (मरदानपुर लक्ष्मण वाजिदपुर, गाजीपुर)
3. श्रवण कुमार (बिहरा, गाजीपुर)
4. पंकज कुमार राय (सारंगपुर, रोहतास, बिहार)
गाजीपुर के एसपी डॉ. ईरज राजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पूरे मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि यह सॉल्वर गैंग प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को पास कराने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था। गैंग अभ्यर्थियों से उनके मूल प्रमाण पत्र, हस्ताक्षरित चेक और स्टांप पेपर लेता था। परीक्षा पास कराने के बाद ही उनके दस्तावेज लौटाए जाते थे, वह भी तब जब अभ्यर्थी दस लाख रुपये तक की रकम चुका देते।
गैंग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर परीक्षाओं में धांधली करता था। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे अभ्यर्थियों के नाम और फोटो बदलकर फर्जी आधार कार्ड और स्कूल प्रमाण पत्र तैयार करते थे। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वे परीक्षाओं में सफलता दिलाने का दावा करते थे।
पूर्व में कई परीक्षाओं में सफलता
एसपी ने बताया कि यह गैंग पहले भी कई सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं में अपनी सक्रियता दिखा चुका है। कई मामलों में इनकी योजनाएं सफल भी हुई थीं। हाल ही में हाईकोर्ट द्वारा आयोजित परीक्षा में भी इस गैंग ने अपनी गतिविधियां शुरू की थीं, लेकिन पुलिस की सतर्कता से वे अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके।
गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 61(2), 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 112(2) बीएनएस और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 1998 की धारा 6/10 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस गैंग के अन्य सदस्य और कितने राज्यों में सक्रिय हैं।
गाजीपुर पुलिस की इस सफलता ने प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले गिरोह पर बड़ा प्रहार किया है। यह कार्रवाई प्रशासन की सतर्कता और टीमवर्क का परिणाम है। एसपी ने बताया कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखी जा सके।
इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले गैंग कितने संगठित और खतरनाक हो सकते हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से जहां परीक्षा देने वाले ईमानदार अभ्यर्थियों को राहत मिलेगी, वहीं गैंग के अन्य सदस्यों के पकड़े जाने की संभावना भी बढ़ गई है। पुलिस का यह अभियान परीक्षा प्रणाली को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।