गोवंश संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम: उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने हाजीपुर चौहट्टा में किया आवासीय गोवंश चिकित्सा केंद्र का शिलान्यासगौसेवा को मिलेगा नया आयाम, पशुपालकों को सुलभ होंगी गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं

उत्तर प्रदेश सरकार गोवंश संरक्षण एवं पशु चिकित्सा सेवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर सक्रियता से कार्य कर रही है। इसी क्रम में आज उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने अलीगढ़ के हाजीपुर चौहट्टा क्षेत्र में राधारमण गौसेवा समिति के सौजन्य से प्रस्तावित आवासीय गोवंश चिकित्सा केंद्र का विधिवत शिलान्यास किया। यह केंद्र आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा, जो न सिर्फ बीमार गोवंशों की चिकित्सा हेतु एक प्रभावी समाधान बनेगा, बल्कि उनके समुचित संरक्षण और संवर्धन में भी अहम भूमिका निभाएगा।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री मौर्य ने गोसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए स्वयं एक लाख रुपये की धनराशि दान की। उन्होंने इस पुनीत कार्य हेतु भूमि दान करने वाले परिवारों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि यह केंद्र प्रदेश में गोवंश चिकित्सा की दिशा में एक मॉडल की तरह कार्य करेगा।

शिलान्यास समारोह के दौरान उन्होंने गोमाता के प्रतीक पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके उपरांत मंत्रोच्चार एवं वैदिक विधि विधान के बीच समिति के सदस्यों, जनप्रतिनिधियों व अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में केंद्र की आधारशिला रखी गई।

गोवंश संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता

अपने संबोधन में उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार गोवंश संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि “हमारी सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी गोवंश चिकित्सा सुविधा से वंचित न रहे। इसी दिशा में मोबाइल एम्बुलेंस सेवाएं भी संचालित की जा रही हैं ताकि जरूरतमंद पशुपालकों को त्वरित सहायता मिल सके।”

उन्होंने यह भी बताया कि यह केंद्र आवासीय सुविधा से युक्त होगा, जिससे चिकित्सकों और कर्मचारियों को 24×7 सेवा देने में सुविधा होगी। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश के हर न्याय पंचायत स्तर पर बनाए गए गौवंश आश्रय स्थलों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार गोसंरक्षण में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही।

गौसेवा से जुड़ी अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि “गौसेवा कोई घाटे का सौदा नहीं है। गौमाता के गोबर व मूत्र से बने जैविक उर्वरक न सिर्फ हमारी खेती के लिए लाभकारी हैं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी हैं।” उन्होंने रासायनिक उर्वरकों से हो रहे दुष्प्रभावों की ओर इशारा करते हुए जैविक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रदेश सरकार द्वारा संचालित सहभागिता योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इसके तहत गाय के भरण-पोषण के लिए गौपालकों को प्रतिदिन प्रति गाय 50 रुपये की सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हर स्तर पर गोवंश से जुड़ी परंपरागत व्यवस्था को पुनर्जीवित किया जाए और उसे आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाया जाए।

गौसेवा, गरीब कल्याण व विकास एक साथ

श्री मौर्य ने यह भी कहा कि “हमारी सरकार विकास, कानून-व्यवस्था, गरीब कल्याण के साथ-साथ माताओं-बहनों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए भी निरंतर कार्य किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि गौसेवा आयोग द्वारा भी कई सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले पशुपालकों को आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सके।

विशिष्ट जनों की रही गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद श्री सतीश कुमार गौतम, एमएलसी डॉ. मानवेन्द्र प्रताप सिंह, विधायक श्री अनिल पाराशर, जिलाध्यक्ष श्री कृष्णपाल सिंह, नगर निगम के अधिकारी, जिला स्तरीय अधिकारीगण, राधारमण गौसेवा समिति के सदस्यगण एवं क्षेत्र के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने इस ऐतिहासिक पहल की सराहना करते हुए इसे गोसंरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर बताया।

यह आवासीय गोवंश चिकित्सा केंद्र न केवल गोवंश की चिकित्सा सुविधाओं में सुधार लाएगा, बल्कि सरकार और समाज के सहयोग से चलाए जा रहे गोसेवा मिशन को भी गति प्रदान करेगा। इस पहल से प्रदेश में पशुपालन को और अधिक व्यावसायिक व लाभकारी बनाया जा सकेगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।


Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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