विचारमंच
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महाकुंभ का महाशास्त्र : महासंगम का महापर्व
लेखक : अविनाश झा,डीएफएमओ, चित्रकूट महाकुंभ में ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर भारतीय उद्योग जगत कम से कम तीन हजार करोड़…
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति और वर्तमान संदर्भ में भारतीय शिक्षा प्रणाली
भारत की शिक्षा प्रणाली विशाल है और इसने उल्लेखनीय प्रगति की है, भारत की शिक्षा प्रणाली एक परिवर्तनशील चरण में…
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समझ रहे हो न रेल…..
समझ रहे हो न रेल के कुछ अधिकारी रेल दुर्घटना के बाद दौरे पर थे | जो घायल थे ,…
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भगत सिहं का वैज्ञानिक वैचारिक दृष्टिकोण और आज का समाज
भगत सिंह के जन्म दिवस पर आज फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया माध्यम उनके चित्रों और कुछ सूक्त वाक्यों से…
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आधुनिकता और विकास की अंधी दौड़ और प्रकृति से होता खिलवाड़
भारत की इस धरती पर मौजूद समस्त जीवधारियों में केवल हम मनुष्य ही है जो कि विवेकशील प्राणी कहा जाता…
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समता, समानता और लोकतांत्रिक अधिकारों की विजय का संकेत है वर्ष 2024 का आम चुनाव
वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव कई अर्थों में राजनीतिक परिवर्तन के कई आयामों को बदलता हुआ दिखाई देता है। वर्ष…
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वैचारिक मतभेदों से भरे पड़े थे राजेंद्र प्रसाद और जवाहरलाल नेहरू के संबंध
विशेष लेख नई दिल्ली। देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की पुण्यतिथि है। वह लगातार दो बार देश के राष्ट्रपति…
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प्रोफेसर स्वामीनाथन की दृढ़ प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता ने कृषि समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत की: पीएम मोदी
लेखक : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन अब हमारे बीच नहीं हैं। हमारे देश ने एक ऐसे दूरदर्शी…
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बिगड़ता साम्प्रदायिक सदभाव और हमारा समाज ! क्या इस ध्रुवीकरण का हल गांधी की दृष्टि में है ?
लेखक : डा. विजय श्रीवास्तव , लवली प्रोफ़ेशनल विश्वविद्यालय, पंजाबहाल के ही दिनों में राजनीतिक और धार्मिक धुर्वीकरण के चरम …
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