आरा से शिक्षक कमलेश राय का रहस्यमयी अपहरण: CBI कर रही हर एंगल से जांचरिपोर्टर: तारकेश्वर प्रसाद

बिहार एक बार फिर अपहरण की घटनाओं से दहल उठा है। प्रदेश में लगातार सामने आ रही अपहरण की वारदातों ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि आम जनता के दिलों में भी दहशत भर दी है।
ताजा मामला भोजपुर जिले के आरा से सामने आया है, जहां एक कोचिंग संस्थान में पढ़ाने वाले शिक्षक कमलेश कुमार राय पिछले साल जुलाई से लापता हैं। CBI इस हाई-प्रोफाइल मिसिंग केस की गुत्थी सुलझाने में जुटी है, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लग पाया है।
कौन हैं कमलेश कुमार राय?
कोल्हरामपुर गांव के रहने वाले 30 वर्षीय कमलेश कुमार राय आरा शहर में एक कोचिंग संस्थान में शिक्षक थे। वे खुद भी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे।
13 जुलाई 2023 को वे अपने ससुराल मौलाबाग, आरा से महुली घाट स्थित एक दाह संस्कार में शामिल होने गए थे। लेकिन शाम को परिजनों से बात कर उन्होंने बताया कि उन्हें बड़हरा की ओर एक जरूरी काम से जाना है। इसके बाद से उनका मोबाइल बंद हो गया और वे कभी वापस नहीं लौटे।
उनकी बाइक भी आज तक बरामद नहीं हो पाई है, जिससे मामले की गंभीरता और भी बढ़ गई है।
पुलिस की लापरवाही, पिता का हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना
कमलेश के पिता राजेश कुमार ने अगले ही दिन, 14 जुलाई 2023 को बड़हरा थाने में FIR दर्ज करवाई। लेकिन जब स्थानीय पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तब उन्होंने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
हाईकोर्ट ने 28 फरवरी 2024 को CBI जांच के आदेश दिए।
जांच में जुटी CBI की टीम
CBI की पांच सदस्यीय विशेष टीम, बिहार-झारखंड के ज्वाइंट डायरेक्टर राजीव रंजन के निर्देशन में कोल्हरामपुर और कुल्हड़िया गांव पहुंची, जहां पास के रेलवे ट्रैक पर एक अज्ञात शव मिला था।
टीम ने शव की पहचान के लिए गांव के मुखिया और ग्रामीणों से पूछताछ की, लेकिन किसी ने भी शव को कमलेश राय के रूप में पहचानने से इनकार कर दिया।
CBI की टीम ने सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जांच की और आरा रेल थाना (GRP) में रिकॉर्ड खंगाले।
जांच के केंद्र में मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स
CBI के अलावा केस में IO इंस्पेक्टर सुनील कुशवाहा, टेक्निकल टीम, और फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी शामिल हैं।
जांच में सबसे ज्यादा ध्यान मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (CDR Analysis), मोबाइल लोकेशन ट्रेसिंग (Mobile Location Tracing), और कमलेश के दोस्तों, रिश्तेदारों और ससुराल पक्ष से पूछताछ पर दिया जा रहा है।
हर एंगल से हो रही जांच, फिर भी कोई ठोस क्लू नहीं
अब तक CBI को कोई पुख्ता सुराग नहीं मिला है, लेकिन टीम हर संभावित एंगल से मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
कमलेश राय के सहकर्मियों, छात्रों और करीबी संपर्कों की भी जांच की जा रही है।
बिहार में अपहरण पर फिर सवाल
कमलेश राय की रहस्यमयी गुमशुदगी ने एक बार फिर बिहार में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल ही में डॉ. संजय, बिहटा में शिक्षक के बेटे, और मुजफ्फरपुर में डॉक्टर के बेटे का अपहरण जैसे मामलों के बाद अब ये घटना लोगों को झकझोर रही है।
इन तमाम सवालों के जवाब अभी भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन पूरा बिहार इन जवाबों का इंतजार बेसब्री से कर रहा है।