लखनऊ : केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए हिट एंड रन कानून पर देशभर में बवाल मचा हुआ है, ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के चलते लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। कहीं पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी कतारें दिखीं तो कहीं पब्लिक ट्रांसपोर्ट बाधित होने के चलते लोग सड़कों पर लिफ्ट मांगते दिखाई दिए। बता दें कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 104 में हिट एंड रन का जिक्र किया गया है, जिसमें ड्राइवर की लापरवाही से पीड़ित की मौत होने पर 10 साल की सजा और 7 लाख रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान है।
नए हिट एंड रन कानून को लेकर ड्राइवरों में व्याप्त आक्रोश को देखते हुए कांग्रेस की साथी नैतिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रभूषण पांडेय ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय न्याय संहिता को लागू करने के पहले व्यापक चर्चा की जरूरत है, अन्यथा यह कानून अंग्रेजों द्वारा बनाये गये कानून से ज्यादा ज़ालिम सिद्ध हो सकता है। भारतीय न्याय संहिता कानून का हाल कहीं कृषि कानून जैसा ही न हो जाय? ड्राइवरों के भय का कारण इस देश भीड़ तन्त्र है। अक्सर देखा गया है दुघर्टना के समय लोग दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को बचाने की फ़िक्र न कर ड्राइवर को मारने व गाड़ी का तोड़फोड़ करने लगते हैं। जिसके कारण ड्राइवर भाग जाते हैं इसलिए कानून भीडतंत्र की मानसिकता को समझ कर होना चाहिए। आगे चंद्रभूषण पांडेय ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आज ड्राइवरों का विरोध है, कल किसी और का हो सकता है?
तो वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने कहा कि ड्राइवर्स हमारी अर्थव्यवस्था और प्रगति के पहिये हैं। वे बेहद कम पैसे पर, तरह-तरह की मुश्किलें झेलते हुए कठिन जीवनशैली के साथ काम करते हैं। कानून और सिस्टम को इनके प्रति मानवीय होना चाहिए।
हर जान कीमती है। हर एक की रक्षा सरकार का कर्त्तव्य है। कानून का उद्देश्य जनसामान्य के जीवन को आसान, सुरक्षित और न्याय देना है न कि लाखों लोगों को अत्याचार, वसूली, कैद व आर्थिक दिवालियेपन की ओर धकेलना। बिना राय-मशविरा, बिना विपक्ष को शामिल किए, एकतरफा तुगलकी कानून बनाने का काम बंद होना चाहिए।
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