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मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना: उत्तर प्रदेश में बालिकाओं के लिए एक अद्वितीय पहल

Report By : आसिफ़ अंसारी

Published By : आशुतोष यादव

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बालिकाओं के सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत की है। यह योजना विशेष रूप से कन्याओं के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने, कन्या भ्रूण हत्या को रोकने, और उनके विकास में मदद करने के उद्देश्य से बनाई गई है। इस योजना के तहत, बालिकाओं के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनके शिक्षा और स्वास्थ्य को मजबूत किया जा सके।

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का प्रमुख उद्देश्य है:
• प्रदेश में समान लिंगानुपात स्थापित करना।
• कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और बालिकाओं के जन्म के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना।
• बालिकाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा को मजबूत करना।
• बालिकाओं के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
यह योजना न केवल बालिकाओं के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में काम करती है, बल्कि यह समाज में लिंग भेदभाव को कम करने में भी सहायक है।

इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड हैं:
• आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
• परिवार की वार्षिक आय अधिकतम 3.00 लाख रुपये होनी चाहिए।
• परिवार में अधिकतम दो बच्चे होने चाहिए।

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 6 प्रमुख श्रेणियों में वित्तीय सहायता दी जाती है। इन श्रेणियों के तहत बालिका के जीवन के विभिन्न महत्वपूर्ण पड़ावों पर सहायता प्रदान की जाती है:
• प्रथम श्रेणी (जन्म पर): योजना में बालिका के जन्म पर 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
• द्वितीय श्रेणी (टीकाकरण पूर्ण होने पर): एक वर्ष तक का टीकाकरण पूरा होने पर 2,000 रुपये की राशि दी जाती है।
• तृतीय श्रेणी (कक्षा 1 में प्रवेश पर): बालिका के कक्षा 1 में प्रवेश पर 3,000 रुपये की सहायता मिलती है।
• चतुर्थ श्रेणी (कक्षा 6 में प्रवेश पर): कक्षा 6 में प्रवेश पर 3,000 रुपये की राशि दी जाती है।
• पंचम श्रेणी (कक्षा 9 में प्रवेश पर): कक्षा 9 में प्रवेश पर 5,000 रुपये की वित्तीय मदद दी जाती है।
• छठी श्रेणी (10वीं या 12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश पर): 10वीं या 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 2 वर्षीय या अधिक अवधि के डिप्लोमा या स्नातक कोर्स में प्रवेश पर 7,000 रुपये की सहायता दी जाती है।
इन सभी श्रेणियों में कुल 25,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है, जो बालिका के जीवन में महत्वपूर्ण क्षणों पर मददगार साबित होती है।

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
• आवेदक और बच्चे का हालिया फोटो।
• बैंक खाता विवरण (आईएफएससी कोड सहित)।
• निवास प्रमाण पत्र।
• श्रेणीवार जन्म प्रमाण पत्र।
• टीकाकरण कार्ड।
• कक्षाओं में प्रवेश का प्रमाण पत्र।
• आधार कार्ड।

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करना होता है। इसके लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:
• सबसे पहले आवेदक को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की वेबसाइट पर जाना होगा।
• वेबसाइट पर दिए गए निर्देशों के अनुसार आवेदन फॉर्म भरें।
• सभी आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करें और फॉर्म को सबमिट करें।

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत बालिकाओं को मिलने वाली सहायता उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, और समग्र विकास में मददगार साबित होती है। यह योजना बालिका के जीवन को प्रगति की दिशा में एक मजबूत कदम प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त, यह योजना समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करती है, जिससे समाज में लैंगिक भेदभाव और कन्या भ्रूण हत्या जैसे मुद्दों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत कार्यक्रम के दौरान, राम नगीना यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी, गिरजा शंकर सरोज, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, संजय कुमार सोनी, जिला प्रोबेशन अधिकारी और डॉ. गोपाल सिंह यादव, पीजी कॉलेज गाज़ीपुर कार्यक्रम में उपस्थित रहे। इन अधिकारियों के मार्गदर्शन और समर्थन से योजना के सफल कार्यान्वयन में मदद मिल रही है और इस पहल का प्रभाव अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच रहा है।

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना एक सकारात्मक और महत्वपूर्ण कदम है जो उत्तर प्रदेश सरकार ने बालिकाओं के लिए उठाया है। इस योजना के माध्यम से न केवल बालिकाओं को आर्थिक सहायता मिल रही है, बल्कि यह समाज में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा दे रही है। यदि आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो शीघ्र आवेदन करें और अपनी बेटी के भविष्य को उज्जवल बनाएं।

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