मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा क्षेत्र में किए बड़े ऐलान, स्कूलों में पढ़ाई जाएगी श्रीमद्भगवद्गीता, हर जिले में बनेगा आवासीय हॉस्टल

उत्तराखंड: के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में शिक्षा के क्षेत्र को और सुदृढ़ एवं सशक्त बनाने के लिए एक के बाद एक कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में आयोजित शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि राज्य में शिक्षा को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना है और इसके लिए अगले 10 वर्षों का स्पष्ट एवं क्रियाशील कार्य योजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी स्कूलों में विद्यार्थियों को श्रीमद्भगवद्गीता का अध्ययन पाठ्यचर्या में कराया जाए। इससे बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास होगा और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर से उनका जुड़ाव और गहरा होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों को नैतिक शिक्षा, पर्यावरणीय शिक्षा, राज्य की सांस्कृतिक विरासत, महान विभूतियों के योगदान, क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल विकास, स्वास्थ्य शिक्षा, लोककथा, लोक साहित्य, संगीत और कला को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
प्रत्येक जनपद में बनेगा एक-एक आवासीय हॉस्टल
श्री धामी ने निर्देश दिए कि पहले चरण में प्रत्येक जनपद में एक-एक क्लस्टर विद्यालय में आवासीय हॉस्टल बनाया जाए। इसके लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन कर एक ठोस प्रस्ताव तैयार किया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि इन हॉस्टलों में बच्चों को उच्च स्तर की सुविधाएं प्राप्त हों। साथ ही, 559 क्लस्टर विद्यालयों के 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए परिवहन व्यवस्था का प्रस्ताव भी शीघ्र तैयार किया जाए।
बरसात से पहले स्कूलों का निरीक्षण और मूलभूत सुविधाएं दुरुस्त करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह निर्देश दिए कि बरसात शुरू होने से पूर्व राज्य के सभी स्कूलों का भौतिक निरीक्षण किया जाए। स्कूलों के रास्ते, पुल, भवन की स्थिति और अन्य मूलभूत सुविधाओं की समुचित जांच कर आवश्यक मरम्मत कार्य समय रहते पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि जीर्ण-शीर्ण स्कूलों के नवीनीकरण में तेजी लाई जाए और छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। इस दिशा में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पाठ्यपुस्तकें समय पर वितरित हों, स्थानांतरण प्रणाली में रहे पारदर्शिता
मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि बच्चों को हर साल समय पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं। इसके साथ ही शिक्षा विभाग में स्थानांतरण प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए। इसके लिए सभी स्तरों जनपद, मंडल एवं राज्य – पर एक ठोस और निष्पक्ष नीति बनाई जाए।
एनसीसी और एनएसएस को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में एनसीसी और एनएसएस जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए। जहां-जहां ये सुविधाएं अभी तक उपलब्ध नहीं हैं, वहां चरणबद्ध तरीके से इन्हें शुरू किया जाए। इसके साथ ही राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों से सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत शिक्षा क्षेत्र में सहयोग प्राप्त करने का प्रयास किया जाए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के राज्य में प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में और अधिक गति से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति राज्य के शैक्षिक ढांचे को आधुनिक और व्यावहारिक बनाएगी, जिससे छात्रों के समग्र विकास में सहायता मिलेगी।
राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों की पूर्ण क्षमताओं का हो उपयोग
राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में छात्रों की क्षमता के अनुसार पूर्ण उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके लिए प्रतीक्षा सूची भी बनाई जाए, जिससे कोई भी पात्र विद्यार्थी शिक्षा से वंचित न रह जाए। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने हेतु आवश्यक संसाधनों की कोई कमी नहीं होने देगी।
दिसंबर 2026 तक बनेगा रजतोत्सव कैलेंडर
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि दिसंबर 2026 तक की विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों का एक रजतोत्सव कैलेंडर तैयार किया जाए, ताकि निर्धारित समयसीमा में लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके।
बैठक में प्रमुख अधिकारी रहे उपस्थित
इस उच्च स्तरीय बैठक में राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, शिक्षा सचिव श्री रविनाथ रमन, अपर सचिव श्रीमती रंजना, महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा सुश्री झरना कमठान, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती, बेसिक शिक्षा निदेशक श्री अजय नौडियाल और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इन निर्देशों से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और उसे गुणवत्तापूर्ण, समावेशी और भविष्य उन्मुख बनाने की दिशा में तीव्र गति से कार्य कर रही है।