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Chitrakoot News : जिला अस्पताल की व्यवस्था चरमराई फिजिशियन और सीएमएस में अनबन !

Report By : Sanjay Kumar Sahuचित्रकूट : जनपद के जिला चिकित्सालय पहलवानों के जैसे दांव पेंच के जैसा अखाड़ा बनता चला जा रहा है। यहां कबं क्या हो जाये कोई भरोसा नही ताजा मामला जिला चिकित्सालय कर्वी में कार्यरत परामर्शदाता फिजीशियन डा. ऋषि कुमार और मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. सुधीर कुमार शर्मा का सामने आया है। जिनके के बीच विवाद गहराता जा रहा है। दोनों चिकित्सकों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। डा. कुमार ने जहां सीएमएस पर जहां मानसिक रूप से उत्पीड़ित करने और वेतन आहरित न करने का आरोप लगाया है तो वहीं सीएमएस का कहना है कि डा. कुमार का आचरण सही नहीं है।

गौरतलब है कि डा. ऋषि कुमार ने बीते दिन खुद पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं परिवार कल्याण को न्याय देने अथवा त्यागपत्र स्वीकार किए जाने की मांग संबंधी पत्र भेजा है। इसमें उनका कहना है कि तीन जुलाई 22 को उनके साथ हुई घटना की जांच के बाद अब तक रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में उनको आशंका है कि जिस महिला वार्ड के साथ उनका विवाद हुआ है वह द्वेषपूर्ण कोई भी आरोप लगा सकती है। जब उन्होंने सीएमएस से अन्यंत्र तैनाती करने का अनुरोध किया तो सुनवाई नहीं की गई। दावा किया कि वह एक दिसंबर 22 से निरंतर कर्तव्यनिष्ठा के साथ सीएचसी में काम कर रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि सीएमओ के माध्यम से कार्यों का विवरण प्रतिहस्ताक्षरित कराने के बाद सीएमएस को भेजने के बाद भी उनका वेतन आहरित नहीं किया जा रहा। उन्होंने प्रमुख सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि उनको न्याय दिलाएं अथवा त्यागपत्र स्वीकार करें।गलत हैं सब आरोप सीएमएसउधर, सीएमएस डा. सुधीर कुमार शर्मा ने डा. ऋषि कुमार के आरोपों को तथ्यहीन और गलत बताया। उन्होंने बताया कि उनको जानकारी है कि लगभग डेढ़ साल पहले नर्सों व अन्य महिलास्वास्थ्यकर्मियों ने इनका विवाद हुआ था और बात पुलिस तक पहुंची थी। बताया कि तब रिपोर्ट भी लिखाई गई थी और दोनों पक्षों में बमुश्किल समझौता हुआ था। उन्होंने कहा कि डा. कुमार अक्सर विवादों में घिरे रहते हैं। वार्ड आया से विवाद के बाद दोनों को चेतावनी दी जा चुकी है। रही बात वेतन आहरण की कि तो यह उनके स्तर का मामला ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि संबद्धता की बात भी नियमविरुद्ध है।डा. ऋषि का कहना, घटना से लेना देना नहींउधर, सीएमएस के आरोपों पर डा. ऋषि कुमार का कहना था कि जो घटना सीएमएस बता रहे हैं वह डेढ़ साल नहीं बल्कि लगभग पांच साल पुरानी है और उनका उस घटना से कोई लेना देना नहीं।