चित्रकूट जिले के मऊ तहसील के चकौर गांव में आज आयोजित जिला अधिकारी (डीएम) शिवशरणप्पा जीएन की चौपाल में ग्रामीणों ने सरकारी स्कूलों के संचालन में हो रही अनियमितताओं पर कई गंभीर शिकायतें दर्ज कराईं। गांव के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की गैरहाजिरी और मिड डे मील जैसी योजनाओं में गड़बड़ी की शिकायतें प्रमुखता से सामने आईं।
निलंबित प्रधानाध्यापक का मामला
चौपाल में ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायतों के बाद जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) वी.के. शर्मा ने जांच की तो प्राथमिक विद्यालय कलारन पुरवा के प्रधानाध्यापक संतोष पाण्डेय की गंभीर लापरवाही सामने आई। बीएसए ने बताया कि संतोष पाण्डेय 28 सितंबर के बाद से लगातार स्कूल से गैरहाजिर थे। लेकिन 4 अक्टूबर को जब वह स्कूल पहुंचे, तो उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर में पूरे सप्ताह के हस्ताक्षर एक साथ कर दिए, ताकि उनकी गैरमौजूदगी छिपाई जा सके। इस गंभीर अनियमितता के चलते संतोष पाण्डेय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
मिड डे मील में गड़बड़ी के आरोप
इसके अलावा, प्राथमिक विद्यालय चकौर में मिड डे मील योजना में गड़बड़ी की शिकायतों के चलते प्रधानाध्यापक रमा शंकर यादव का अक्टूबर माह का वेतन रोक दिया गया है। ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को सही और पोषणयुक्त भोजन नहीं मिल रहा है, जिसके बाद डीएम ने मामले की जांच कराई। जांच में पाया गया कि प्रधानाध्यापक की ओर से मिड डे मील की व्यवस्था में अनियमितताएं की जा रही थीं, जिसके चलते उनके वेतन पर रोक लगाई गई है।
शिक्षा में सुधार की दिशा में कड़े कदम
डीएम शिवशरणप्पा जी एन ने चौपाल के दौरान ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की गैरहाजिरी और मिड डे मील जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिला प्रशासन ने इन मामलों की नियमित निगरानी और जांच के आदेश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
चित्रकूट जिले के शिक्षा तंत्र में सुधार लाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए ये कड़े कदम स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि शासन अब सरकारी स्कूलों की अनियमितताओं के प्रति सख्त रुख अपनाने के लिए तैयार है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि इस कार्रवाई से बच्चों की शिक्षा और मिड डे मील की गुणवत्ता में सुधार होगा।