सिक्सलेन मार्ग व फ्लाईओवर के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने लिया सड़क किनारे रहने वाले परिवार की समस्या का त्वरित संज्ञान
सीएम की आत्मीयता से खुशी में भीग गईं मंजू की आंखें, बोलीं-धन्य हैं महाराज जी
गोरखपुर । जरूरतमंद लोगों के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संवेदनशीलता जग जाहिर है। उनकी समस्या जानते ही मौके पर समाधान की त्वरित पहल करना उनकी कार्यशैली का हिस्सा है। मुख्यमंत्री की इसी संवेदनशीलता और कार्यशैली का एक नजारा आज उसे वक्त देखने को मिला जब वह टीपीनगर सिक्सलेन मार्ग फ्लाईओवर और देवरिया बाईपास से कनेक्टेड होने वाले फ्लाईओवर के निर्माण कार्य का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उनकी नजर एक टिन शेड में रह रहे परिवार पर पड़ी और इस परिवार की आवास की समस्या के समाधान का मार्ग प्रशस्त हो गया।
शनिवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ टीपीनगर फ्लाईओवर, सिक्सलेन मार्ग का निरीक्षण करते हुए देवरिया बाईपास के समीप पहुंचे और इस बाईपास से कनेक्ट होने वाले फ्लाईओवर की प्रगति जानने लगे। तभी उनकी नजर सड़क किनारे खड़े होकर उन्हें निहार रहे एक परिवार पर पड़ गई। परिवार की दीन दशा देख सीएम योगी उनकी तरफ बढ़ चले। उन्होंने सबसे आगे मौजूद उस परिवार की महिला से बातचीत की।
मंजू नाम की महिला से मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या आप यहीं रहती हैं। महिला के हां कहने पर मुख्यमंत्री ने पूछा कि पक्का आवास क्यों नहीं बना है। इस पर महिला ने उन्हें अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला दिया। मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या यह जमीन आपकी है, क्या पीएम आवास नहीं मिला है। मंजू ने बताया कि जमीन तो उनकी है लेकिन पीएम आवास नहीं मिल सका है। मंजू की समस्या जानकर मुख्यमंत्री द्रवित हो गए। उन्होंने तत्काल प्रशासन के अफसरों को निर्देशित किया कि इस महिला के परिवार को जल्द से जल्द पीएम आवास उपलब्ध कराया जाए। साथ ही यदि इस परिवार की जमीन विकास कार्य के चलते अधिग्रहण के दायरे में आई हो यो मुआवजा भी शीघ्र दिया जाए। सीएम का निर्देश मिलते ही प्रशासन प्रक्रिया में जुट गया है।
आवास की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री की तरफ से पक्का भरोसा मिलने से मंजू की आंखें खुशी से छलक उठीं। उन्होंने हाथ जोड़कर सीएम का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के निरीक्षण के बाद मंजू ने कहा, ‘धन्य हैं महाराज जी। उनकी कृपा से अब हमारे परिवार की समस्या दूर हो जाएगी और पक्के मकान में रहने का सपना पूरा हो जाएगा।’