टीकाकरण से इंकार करने वाले परिवारों को सीएमओ और डीआईओ ने समझाकर दिलाया विश्वास, 10 बच्चों को मिला जीवन सुरक्षा का कवचमुंशीपुरा के मखनवा क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ की संयुक्त टीम की अनूठी पहल

मऊ
जनस्वास्थ्य की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए मऊ जनपद के स्वास्थ्य विभाग ने आज एक ऐसा कार्य किया जो आने वाले समय में प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। नगर क्षेत्र के मुंशीपुरा वार्ड अंतर्गत मखनवा मोहल्ले में टीकाकरण से इंकार कर रहे परिवारों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल सिंह और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजय कुमार गुप्ता के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ने न केवल समझाया बल्कि विश्वास दिलाकर उनके बच्चों का सफलतापूर्वक टीकाकरण भी करवाया।
टीकाकरण से दूरी: एक बड़ी चुनौती
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि मखनवा क्षेत्र में कुछ परिवार अपने बच्चों का टीकाकरण कराने से लगातार इनकार कर रहे हैं। जब इस संबंध में गहन पड़ताल की गई, तो सामने आया कि इन परिवारों में गलत धारणाएं, सामाजिक भय, और कुछ धार्मिक भ्रांतियां फैली हुई थीं, जिसके चलते वे बच्चों को टीकाकरण से वंचित रख रहे थे।
इन परिस्थितियों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तय किया कि इस चुनौती से जमीनी स्तर पर निपटना होगा।
सीएमओ और डीआईओ खुद पहुंचे घर-घर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल सिंह और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजय कुमार गुप्ता ने स्वयं स्थिति की गंभीरता को समझते हुए स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ की टीमों के साथ मखनवा क्षेत्र का दौरा किया। डॉ. सिंह ने कहा, “हमारा उद्देश्य सिर्फ टीकाकरण करना नहीं है, बल्कि लोगों के भीतर से डर और भ्रम को दूर करना है। जब तक समुदाय में विश्वास नहीं बनता, तब तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पूरी तरह नहीं मिल सकता।”
टीमवर्क का बेहतरीन उदाहरण
इस जागरूकता अभियान में डॉ. अशफाक अहमद अंसारी, यूनिसेफ के डीएमसी सौरभ सिंह, अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर देवेंद्र यादव, और बीएमसी रजिया ने सक्रिय भूमिका निभाई। टीम ने घर-घर जाकर परिजनों से संवाद किया, उन्हें पोलियो, खसरा, डीपीटी और अन्य संक्रामक रोगों से होने वाले नुकसान की जानकारी दी। लोगों को यह भी बताया गया कि टीकाकरण न केवल उनके बच्चों को सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि पूरे समुदाय को संक्रमण से बचाता है।
10 बच्चों को मिला जीवन रक्षक कवच
टीम की मेहनत और समर्पण रंग लाया। समुदाय में जागरूकता के चलते कुल 10 बच्चों का सफलतापूर्वक टीकाकरण किया गया। ये वे बच्चे थे जो पूर्व में टीकाकरण से वंचित रह गए थे। इनके माता-पिता ने टीम पर विश्वास जताया और टीकाकरण के लिए सहमति दी।
स्वास्थ्य विभाग की पहल को मिली सराहना
इस साहसिक और मानवीय प्रयास की जिले भर में सराहना हो रही है। जिला अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने भी इस अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि स्वास्थ्य सेवाएं इसी तरह मानवीय संवेदनाओं के साथ कार्य करें तो हर व्यक्ति तक सुविधा पहुँचाना संभव हो सकता है।
समाज में बदलाव लाने की दिशा में एक कदम
यह घटना सिर्फ एक टीकाकरण अभियान नहीं, बल्कि यह संदेश है कि सामाजिक जागरूकता, सहयोग और समर्पण से किसी भी भ्रांति और भय को दूर किया जा सकता है। यह उदाहरण यह भी दर्शाता है कि जब अधिकारी, स्वास्थ्यकर्मी और समुदाय मिलकर कार्य करते हैं, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
भविष्य की योजना
स्वास्थ्य विभाग ने इस सफलता के बाद यह निर्णय लिया है कि इसी तरह के अभियान अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में भी चलाए जाएंगे। टीकाकरण से छूटे बच्चों की सूची बनाकर, उन्हें आवश्यक टीके लगाए जाएंगे ताकि कोई भी बच्चा बीमारियों से असुरक्षित न रहे।
इस अभियान ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि जनभागीदारी और समर्पण से किसी भी चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है। मखनवा में टीकाकरण के इस प्रयास ने केवल 10 बच्चों को जीवन सुरक्षा का कवच नहीं दिया, बल्कि समाज को यह भी सिखाया कि सही जानकारी और विश्वास से परिवर्तन संभव है।