भोजपुर पहुँची भाकपा-माले की बदलो सरकार बदलो बिहार यात्रा,

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा, बिहार
भोजपुर:बदलो सरकार, बदलो बिहारइस नारे के साथ चल रही भाकपा-माले (CPI-ML) की परिवर्तन यात्रा ने सोमवार को भोजपुर जिले में प्रवेश किया। जैसे ही यह यात्रा जिले की सीमा में दाखिल हुई, तरारी के करथ गाँव में आम जनता, खासकर किसान, मजदूर, छात्र और महिलाओं ने फूल-मालाओं से जोरदार स्वागत किया। नुक्कड़ सभा के माध्यम से स्थानीय लोगों से संवाद भी किया गया, जहाँ जनसमस्याओं और राज्य में व्याप्त राजनीतिक व सामाजिक संकट पर चर्चा हुई।
भाकपा-माले की यह यात्रा पूरे बिहार में चार प्रमुख जोनों—शाहाबाद, सारण, मुजफ्फरपुर-दरभंगा और मगध—में विभाजित है। शाहाबाद ज़ोन की यह यात्रा 18 जून को इंद्रपुरी बराज (औरंगाबाद) से शुरू हुई थी और कैमूर, रोहतास, बक्सर होते हुए अब भोजपुर जिले में पहुँची है। यह यात्रा 25 जून को आरा में एक विशाल जनसभा के साथ सम्पन्न होगी।
यात्रा का सशक्त नेतृत्व और प्रतीकात्मक कार्यक्रम
यात्रा का नेतृत्व आरा सांसद सुदामा प्रसाद, काराकाट विधायक अरुण सिंह, डुमरांव विधायक अजित कुमार सिंह, अगिआंव विधायक शिवप्रकाश रंजन, भाकपा-माले केंद्रीय कमिटी सदस्य राजू यादव, इंसाफ मंच के राज्य सचिव कयामुद्दीन अंसारी, आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार, ऐपवा नेत्री इंदु सिंह, संगीत सिंह समेत अन्य नेताओं द्वारा किया जा रहा है।
तरारी प्रखंड मुख्यालय पहुँचते ही यात्रा के नेताओं ने डॉ. भीमराव आंबेडकर, बाबू कुंवर सिंह और का. रामनरेश राम की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। इसके बाद एक सभा का आयोजन हुआ जहाँ वक्ताओं ने वर्तमान सरकार की विफलताओं को उजागर किया और जनता से बदलाव के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
खुटहाँ और खैरा में नुक्कड़ सभाएं, सहार में हुई मुख्य सभा
इसके बाद यात्रा खुटहाँ पहुँची, जहाँ स्थानीय जनता ने फिर से जोरदार स्वागत किया और नुक्कड़ सभा का आयोजन हुआ। यात्रा की अगली कड़ी में यह खैरा पहुँची जहाँ डॉ. आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया और एक संक्षिप्त सभा के बाद यात्रा सहार प्रखंड के मुख्य क्षेत्र में पहुँची। सहार में का. रामनरेश राम की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देने के बाद एक बड़ी जनसभा हुई, जिसमें हजारों लोगों की भागीदारी देखी गई।
वक्ताओं ने सरकार पर बोला हमला, गिनाई विफलताएँ
सभा को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि पिछले दो दशकों से बिहार की सत्ता में काबिज भाजपा-जदयू गठबंधन ने राज्य को विकास की राह से भटका दिया है। नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार ने भूमि सुधार, शिक्षा सुधार और विशेष राज्य के दर्जे जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को नजरअंदाज कर सस्ती मजदूरी पर राज्य के युवाओं का पलायन तेज कर दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के नाम पर विनाश और सुशासन के नाम पर अराजकता का माहौल फैला है। दलितों पर बढ़ती हिंसा, बच्चियों के साथ अपराध, महिलाओं की असुरक्षा, चरम बेरोजगारी, महंगाई और स्वास्थ्य व शिक्षा में गिरावट—ये सब आज बिहार की सच्चाई बन चुकी हैं। वक्ताओं ने दावा किया कि अब बिहार की जनता बदलाव के लिए तैयार है और इस यात्रा के माध्यम से राज्यभर में इस बदलाव की चेतना को जगाया जा रहा है।
भोजपुर जिले में जिस प्रकार आम जनता ने इस यात्रा का स्वागत किया, उससे यह स्पष्ट है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव की मांग तेज हो रही है। किसान, मजदूर, युवा, महिलाएं—सभी वर्गों में मौजूदा सरकार के प्रति नाराज़गी दिखी। हर नुक्कड़ सभा में बड़ी संख्या में लोग जुटे और अपने-अपने सवालों के जवाब जानना चाहा।