रामपुर जेल में शिक्षा की नई दिशा: अपराधियों को मिल रही पढ़ाई की सुविधा

Report By : राहुल मौर्य

रामपुर, उत्तर प्रदेश : अपराधियों को सुधारने के लिए केवल सजा ही पर्याप्त नहीं होती, बल्कि उन्हें सही दिशा दिखाना भी जरूरी है। इसी दिशा में रामपुर जेल एक नई पहल कर रहा है। यहां के जेल अधीक्षक, प्रशांत मौर्य के नेतृत्व में, बंदियों को शिक्षा प्राप्त करने का बेहतरीन अवसर मिल रहा है। यह कदम न केवल उनके जीवन को बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है, बल्कि यह समाज में सुधार और सशक्तिकरण की एक नई मिसाल पेश कर रहा है।

रामपुर जेल का नजारा कुछ अलग है। सामान्यत: जेल जाने का मतलब अपराधियों से जुड़ना माना जाता है, लेकिन रामपुर में यह धारणा बदलने की कोशिश की जा रही है। यहां के जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य ने अपने कार्यकाल के दौरान यह सुनिश्चित किया कि बंदी सिर्फ शिक्षा ही नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण में भी सुधार लाएं।

रामपुर जेल में बंदियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए हर संभव सुविधा मुहैया कराई जा रही है। कक्षा 1 से लेकर 5 तक और 5 से 8 तक की शिक्षा बीएसए के तहत दी जाती है। इसके अलावा, 10वीं और 12वीं कक्षाओं के लिए यूपी बोर्ड के माध्यम से एनरोलमेंट कराया जाता है। प्रशांत मौर्य के अनुसार, यह पहल बंदियों के जीवन को बदलने में सहायक साबित हो रही है।

“हमने इस साल क्लास 1 से लेकर 5 तक के 95 बंदियों का एनरोलमेंट कराया है और क्लास 5 से 8 तक के 42 बंदियों को भी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर दिया है। इसके अलावा, 10वीं और 12वीं के लिए भी यूपी बोर्ड के माध्यम से एनरोलमेंट कराया जाता है। हम जेल के अंदर भी उनके लिए सभी आवश्यक सामग्री जैसे किताबें, कॉपियां और अन्य संसाधन उपलब्ध कराते हैं।”

रामपुर जेल के बंदियों में सुधार की स्पष्ट झलक देखने को मिल रही है। जिन बंदियों की शिक्षा किसी कारणवश रुक गई थी, उन्हें अब फिर से पढ़ाई का अवसर मिल रहा है, और इस बदलाव के बाद उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि हो रही है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि जो बंदी पहले क्लास में बैठने के लिए उत्साहित नहीं होते थे, वे अब नियमित रूप से कक्षाओं में भाग ले रहे हैं और उनकी पढ़ाई में रुचि बढ़ रही है।

रामपुर जेल में अब करीब 150 बंदी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें 17 महिलाएं भी शामिल हैं। शिक्षा प्राप्त करने के बाद बंदियों में न केवल शैक्षिक सुधार आ रहा है, बल्कि उनके व्यवहार और सोच में भी परिवर्तन हो रहा है। यह पहल इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए, बंदियों को यह संदेश देती है कि वे समाज में पुनः अपनी जगह बना सकते हैं और एक अच्छे नागरिक के रूप में बाहर आ सकते हैं।

इसके अलावा, जेल प्रशासन ने बरेली सेंट्रल जेल में परीक्षा केंद्र की व्यवस्था की है। यहां से एनरोलमेंट कराने वाले बंदी वहां जाकर अपनी परीक्षा पूरी करते हैं। यह प्रक्रिया यूपी बोर्ड के माध्यम से पूरी होती है, जो बंदियों को अपने उच्च शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करने का अवसर देती है।

रामपुर जेल प्रशासन के साथ ही बीएसए के शिक्षक भी बंदियों की शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। एक महिला और एक पुरुष शिक्षक नियुक्त किए गए हैं, जो जेल के अंदर शिक्षा देने का कार्य करते हैं। इसके अलावा, जेल प्रशासन ने बंदियों को सभी आवश्यक शिक्षण सामग्री भी उपलब्ध कराई है ताकि वे बिना किसी रुकावट के अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।

रामपुर जेल का यह पहल न केवल बंदियों के लिए एक नई उम्मीद का संकेत है, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा है। जब एक बंदी को शिक्षा मिलती है, तो उसे अपनी गलती का अहसास होता है और वह समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए तैयार होता है। यह उदाहरण साबित करता है कि यदि किसी को सही दिशा मिलती है, तो वह अपने जीवन को बेहतर बना सकता है।

रामपुर जेल में चल रही इस शिक्षा पहल से प्रेरित होकर अन्य जेलों में भी इस तरह के कदम उठाए जाने की उम्मीद की जा सकती है, जिससे न सिर्फ अपराधियों का सुधार होगा, बल्कि समाज में भी बदलाव आएगा।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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