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Published by : Sanjay Sahu
चित्रकूट में चैत्र मास के मांगलिक अवसर पर चित्रकूट के रामायण मेला ग्राउंड में महाजन मनिहार परिवार की मेज़बानी में परम पूज्य संत मुरलीधर महाराज के मुखारविंद से आयोजित नौ दिवसीय श्री राम कथा के शनिवार को कथा के पंचम दिवस में महाराज जी ने गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के अयोध्या काण्ड में वर्णित भगवान राम के वन गमन के प्रसंग के तहत कैकई चरित्र तथा राजा दशरथ के देव लोग गमन का मार्मिक वर्णन किया। रामायण जी की सुंदर चौपाइयां सुनकर श्रोता भाव विभोर नजर आए।
आज के प्रसंग के माध्यम से पूज्य महाराज जी ने बताया कि भगवान राम जब तक अयोध्या में रहे तब तक दशरथ नंदन राम कहलाए लेकिन जब माता पिता की आज्ञा से गमन को गए तब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम कहलाए। भगवान राम का जीवन हमें हर परिस्थिति का सकारात्मक सोच के साथ मुकाबला करने की प्रेरणा देता है। रामायण का हर एक पात्र तथा प्रत्येक चोपाई प्रेरणादायक है । भगवान राम की जन्म भूमि अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर के निर्माण पर शासन को बधाई देते हुए महाराज ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम के मंदिर से पहले हर व्यक्ति के ह्रदय में राम का होना बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर भागवताचार्य सिद्धार्थ पयासी, चंद्रकला रमेश चंद्र मनिहार, विजय महाजन, नीलम महाजन, गोयल विष्णु गोयल डॉ.चंदा शर्मा, शिव कुमार कंसल, सुमेरसिंह राजपुरोहित सहित कांग्रेसी पूर्व प्रत्याशी रंजना बराती लाल भी पहुंचकर कथा श्री राम कथा का आनंद लिया अनेक संत वृंद व श्रद्धालु उपस्थित रहे।