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मंत्रिमंडल के समक्ष अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास सेक्टर के 11 विभागों की भावी कार्ययोजना के प्रस्तुतिकरण पर मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देश

Published by : Akash Yadav


● प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशन में विगत 05 वर्ष में उत्तर प्रदेश देश में औद्योगिक निवेश के श्रेष्ठतम गंतव्य के रूप में राष्ट्रीय पटल पर उभर कर आया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की राष्ट्रीय रैंकिंग में 2017 तक 14वें स्थान पर रहने वाला उत्तर प्रदेश आज द्वितीय पायदान पर है। अब इस रैंकिंग में प्रथम स्थान पर आने के लक्ष्य के साथ “टीम यूपी” काम करेगी। इसके लिए निवेश/कारोबार के नियमों को आवश्यकतानुसार और सरल किया जाए।

● पिछले यूपी इन्वेस्टर समिट में 4.68 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव हमें मिले थे। इनमें से 03 लाख करोड़ से ज्यादा के प्रस्ताव आज धरातल पर साकार हो रहे हैं। अगले दो वर्ष के भीतर उत्तर प्रदेश ‘ग्लोबल इन्वेस्टर समिट’ का आयोजन करेगी। इस बार हमें 10 लाख करोड़ के निवेश के लक्ष्य के साथ काम करना है। यह ग्लोबल इन्वेस्टर समिट नए यूपी की आकांक्षाओं को उड़ान देने वाली होगी। इस संबंध में सभी जरूरी तैयारियां शीर्ष प्राथमिकता के साथ पूरी की जाएं।

● औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के क्षेत्र में बीते 05 सालों में अभूतपूर्व काम हुआ है। इसे और नियोजित रूप देने के लिए अगले 100 दिन के भीतर ‘अटल औद्योगिक अवस्थापना मिशन’ की शुरुआत करने की तैयारी करें।

● वित्तीय वर्ष 2021-22 में यूपी के निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। करीब डेढ़ लाख करोड़ का निवेश होना प्रदेश की बेहतरी का संकेत है। प्रदेश के निर्यात को 02 लाख करोड़ तक ले जाने के लिए ‘टीम यूपी’ को नियोजित रूप से कार्य करना होगा। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाए।

● आगामी 100 दिन के भीतर प्रदेश में तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन किया जाए।

● उत्तर प्रदेश को डिफेंस कॉरिडोर के रूप में प्रधानमंत्री की ओर से बड़ा उपहार मिला है। अब तक यहां 8,640 करोड़ के 62 एमओयू हो चुके हैं। ब्रह्मोस निर्माण जैसी परियोजना ने इस कॉरिडोर को नई ऊंचाइयां दी हैं। डिफेंस कॉरिडोर से जुड़े कार्यों को तत्परता के साथ पूरा कराया जाए।

● औद्योगिक क्षेत्र में विकास की अपार संभावना है। यह सेक्टर रोजगार का सबसे बड़ा साधन है। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के माहौल को और बेहतर करने के लिए नियमों में समयानुकूल कतिपय बदलाव किए जाने जरूरी हैं। यथाशीघ्र राज्य की नई औद्योगिक नीति तैयार की जाए।

● देश और दुनिया की इंफोटेनमेंट इंडस्ट्री उत्तर प्रदेश की ‘फ़िल्म सिटी’ की प्रतीक्षा कर रही है। इस दिशा में अब तक का कार्य संतोषप्रद है। 06 माह में विकासकर्ता का चयन करते हुए अगले 02 वर्ष में संपूर्ण भूमि का हस्तांतरण पूरा करने का लक्ष्य रखें। यूपी की फ़िल्म सिटी पूरी दुनिया को हमारा उपहार होगी। यह रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम बनेगी।

● इलेक्ट्रिक वाहन नीति, वेयरहाउसिंग लॉजिस्टिक नीति तथा डिफेंस एवं एयरोस्पेस नीति को अपडेट किया जाए। यीडा के मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जाए।

● गोरखपुर में गारमेंट और प्लास्टिक पार्क को अगले दो वर्ष में शुरू करने की तैयारी हो। यीडा में टॉय पार्क की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी अगले 100 दिनों के भीतर कर लिया जाना चाहिए।

● टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण का कार्य सुचारू रखा जाए। अब हमें अगले 05वर्षों में 02 करोड़ युवाओं को डिजिटल शक्ति से लैस करना है। बिना भेदभाव हर छात्र-छात्रा को टैबलेट/स्मार्टफोन उपलब्ध कराया जाए।

● बीते 05 वर्ष में प्रदेश में विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी का विस्तार हुआ है। एक्सप्रेस-वे स्टेट के रूप में यूपी को नई पहचान मिली है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के मुख्य कैरेज-वे का शुभारंभ यथाशीघ्र करने की तैयारी करें।

● बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए एनएचएआई के साथ एमओयू के प्रक्रिया जल्द पूरी करें। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे हमारी प्राथमिकता में है। इसके अवशेष कार्यों को तेजी से पूर्ण कराया जाए।

● स्टार्टअप नीति, इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति, डाटा सेंटर नीति में सुधार अपेक्षित है। सभी पक्षों से संवाद कर अच्छी नीति तैयार करें।

● सभी 3.6 करोड़ राशनकार्ड का विवरण और माध्यमिक शिक्षा के अंकपत्र डिजी लाकर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था हो। भारत सरकार के बहुउपयोगी उमंग एप पर भूलेख सेवा, रोजगार आवेदन, कुशल श्रमिक पंजीकरण, परिवार रजिस्टर आदि को एकीकृत किया जाना चाहिए।

● ग्राम पंचायतों को इण्टरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा से लैस करने का काम तेज हो। वर्ष 2024 तक यह काम पूरा कर लेने जाने का लक्ष्य रखें।

● विदेशों में रोज़गार की तलाश करने वालों के अक्सर ठगे/छले जाने की खबरें मिलती हैं। ऐसे में व्यापक हित को देखते हुए विगत दिनों उत्तर प्रदेश वित्तीय निगम (यूपीएफसी) को विदेशों में रोजगार के लिए राज्य भर्ती एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं। इच्छुक लोगों के स्किल डेवलपमेंट, विदेशी भाषाओं का ज्ञान दिलाने के लिए भी कार्ययोजना तैयार की जाए।

● विगत 05 वर्ष में रोजगार सृजन के क्षेत्र में एमएसएमई विभाग ने सराहनीय भूमिका निभाई है। आसान शर्तो पर ऋण की उपलब्धता से युवाओं को स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता भी मिल रही है। इस कार्य को आवश्यकतानुसार और सरल बनाया जाए।

● आगामी 05 वर्ष में बैंकों के सहयोग से क्षेत्र की वार्षिक क्रेडिट को 5 लाख करोड़ तक पहुंचाने का प्रयास हो, इससे लगभग 05 करोड़ रोजगार सृजित होंगे।

● अगले तीन माह में एक वृहद ऋण मेले का आयोजन हो, जिसमें बैंकों के माध्यम से न्यूनतम 01 लाख उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखें।

● विश्वकर्मा श्रम सम्मान/ मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार/ ओडीओपी योजना के अंतर्गत 50,000 परम्परागत कारीगरों को प्रशिक्षित किया जाए। 05 वर्ष में न्यूनतम 5 लाख कारीगरों को प्रशिक्षित करते हुए टूल किट प्रदान करने का लक्ष्य रखें।

● प्रधानमंत्री द्वारा सराही गई एक जनपद एक उत्पाद योजना को मिशन मोड में संचालित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाए। ओडीओपी सामान्य सुविधा केन्द्र योजना को अवशेष जिलों तक विस्तार दिया जाए।

● प्रधानमंत्री ने ‘हवाई चप्पल पहने व्यक्ति के हवाई उड़ान’ का सपना देखा है। विगत 05 वर्ष में वायु सेवा मानचित्र पर उत्तर प्रदेश प्रमुखता से उभर कर आया है। जिस प्रदेश में 2017 से पहले मात्र 02 एयरपोर्ट थे, आज वहां 05 अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होने जा रहे हैं। टीम यूपी के लगातार प्रयासों से यह बड़ी उपलब्धि है।

● मुरादाबाद एयरपोर्ट के लाइसेंसिंग की कार्यवाही और कानपुर सिविल एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का विकास तेजी से पूरी की जाए।

● मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, अयोध्या के विकास की प्रक्रिया तेज हो।

● नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट , जेवर के संचालन सितंबर 2024 तक शुरू करने के लक्ष्य के साथ तेजी से कार्य करें।

● ऊर्जा विभाग ने पिछले पांच वर्षों में सराहनीय कार्य किया है। लगातार प्रयासों उत्पादन, वितरण और ट्रांसमिशन में अभूतपुर्व सुधार हुआ है। अब टीम यूपी “पावर फॉर ऑल” के लक्ष्य के साथ 24*7 नियोजित ढंग से कार्य करेगी।

● अयोध्या धाम में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर को ‘हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स’ के माध्यम से ऊर्जीकरण करने का अभिनव प्रयास किया जाना चाहिए। इस संबंध में शोध-अध्ययन कर विस्तृत कार्ययोजना यथाशीघ्र प्रस्तुत की जाए।

● यह सुनिश्चित किया जाए कि रोस्टर के अनुसार विद्युत आपूर्ति निर्बाध गति से लोगों को मिले। साथ ही तकनीकी को बढ़ावा दिया जाए और उपभोक्ताओं को सही और समय से बिल दिया जाए।

● विद्युत लाइनों के निर्माण में लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। अगले सौ दिनों में नए बनने वाले 4126 एमवीए क्षमता के सात और अगले छह माह में 7906 एमवीए के 20 नए उपकेंद्र विद्युत आपूर्ति सुदृढ़ बनाने में बड़ा योगदान देंगे।

● अगले दो साल में घाटमपुर जेवी और पनकी टीपीएस की उत्पादन क्षमता में 2504 मेगावाट की वृद्धि से प्रदेश विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर होने की दिशा में बड़ा कदम है। इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है।

● एटीसी हानियों को और कम किया जाना आवश्यक है। इसे हर हाल में 20 प्रतिशत से कम किया जाए।

● सड़कें किसी भी प्रदेश की तरक्की का आइना होती हैं। आधारभूत सुविधाएं मिलने से बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित होते हैं और लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध होते हैं।

● लोक निर्माण विभाग ने सड़कों और पुलों के माध्यम से लोगों के जीवन को सुगम बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किया है। विभाग के सभी कार्यों में पारदर्शिता, गुणवत्ता और समयबद्धता को प्राथमिकता पर रखा जाए।

● सड़कों के निर्माण और मेनटेनेंस में कार्यदायी संस्था को जिम्मेदार ठहराया जाए और समय से पहले टूटने वाली सड़कों का अविलंब सुदृढीकरण कराया जाए।

● अगले पांच वर्षों में 10 हजार किमी सड़कों का चौड़ीकरण और सुदृढीकरण किया जाना है। ऐसे में चरणवार लक्ष्य तय कार्य को पूरा किया जाए।

● करीब चार हजार बसावटों को संपर्क मार्ग से जोड़ने, साढ़े 16 हजार किमी मार्गों के नव निर्माण, 90 हजार किमी मार्गों का नवीनीकरण, तीन सौ सेतुओं का निर्माण, दो सौ रेलवे ओवर ब्रिज और एक हजार लघु सेतुओं का निर्माण किया जाना है।

● परियोजनाओं की गुणवत्ता से किसी भी कीमत पर समझौता स्वीकार नहीं होना चाहिए। भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति का अक्षरश: पालन किया जाए।

● आगरा, कानपुर और गोरखपुर में फ्लैटेड फैक्ट्री के निर्माण की प्रक्रिया अगले 100 दिन में शुरू कराएं।

● प्रदेश में 06 एमएसएमई पार्क की स्थापना के लिए विकासकर्ता के चयन सहित अन्य कार्यवाही शीघ्र शुरू की जाए।

● उत्तर प्रदेश में ‘ग्लोबल टेक्सटाइल हब’ बनने की पूरी संभावना और क्षमता है। हमें इन संभावनाओं को आकार देना होगा।

● अनुमान के मुताबिक वस्त्र उद्योग में ₹1 करोड़ के निवेश से रोजगार के लगभग 70 मौके सृजित होते हैं। ऐसे में 05 लाख अवसरों के लिए हमें ₹7500 करोड़ के निवेश के लक्ष्य के साथ काम करना होगा। इसे शीर्ष प्राथमिकता के साथ पूरी प्लानिंग बनाकर किया जाए।

● समय की मांग को देखते हुए सौर ऊर्जा से पावरलूम संचालित करने के सम्बंध में नई नीति तैयार की जानी चाहिए।