विश्व पर्यावरण दिवस एवं गंगा दशहरा पर जिलाधिकारी ने किया पौधरोपण, दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

Report By: आसिफ अंसारी
लखीसराय: विश्व पर्यावरण दिवस एवं गंगा दशहरा के पावन अवसर पर लखीसराय जिलाधिकारी श्री अविनाश कुमार ने अपनी धर्मपत्नी के साथ मिलकर अपने आवासीय परिसर में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। सामाजिक वानिकी वन प्रभाग की ओर से आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में कल्पवृक्ष, महोय (सी हिबिस्कस), रक्त चंदन एवं नीम जैसे औषधीय एवं पर्यावरण के लिए उपयोगी पौधों का रोपण किया गया।
पौधरोपण कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों तथा आम जनता से अपील करते हुए कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस हर वर्ष 5 जून को मनाया जाता है। यह दिवस न केवल हमें पर्यावरण की महत्ता का बोध कराता है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति हमारे कर्तव्यों की भी याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, वनों की रक्षा, जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण और जैव विविधता की सुरक्षा के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए।
उन्होंने भावनात्मक अपील करते हुए कहा, “प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम एक पौधा अपनी माँ के नाम पर अवश्य लगाना चाहिए और उसका संरक्षण करना चाहिए। यह न केवल हमारी माँ के प्रति श्रद्धा का प्रतीक होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, हरा-भरा और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक सार्थक प्रयास होगा।”
इस अवसर पर सामाजिक वानिकी प्रभाग के प्रभागीय निदेशक श्री विवेक यादव भी उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा जिले में विभिन्न स्थानों पर व्यापक पौधरोपण अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें आम लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
श्री यादव ने कहा कि पौधों का संरक्षण तभी संभव है जब हम इन्हें अपने परिवार का हिस्सा समझें और इनकी नियमित देखभाल करें। उन्होंने इस प्रयास के लिए जिलाधिकारी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस प्रकार की पहल से अन्य लोग भी प्रेरित होंगे और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता बढ़ेगी।
पौधरोपण कार्यक्रम के अंत में उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली और प्रतिज्ञा की कि वे अपने जीवन में अधिक से अधिक पौधे लगाएंगे और उन्हें सुरक्षित रखेंगे।
यह दिन हमें याद दिलाता है कि पृथ्वी हमारी एकमात्र धरोहर है और उसका संरक्षण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। पौधरोपण जैसे छोटे लेकिन सशक्त कदम हमें एक बेहतर और हरित भविष्य की ओर ले जाते हैं।