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इटावा सफलतापूर्वक महिला व पुरुष नसबंदी करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं जिला अस्पताल के सर्जन- डॉ अनिल कुमार*

*सफलतापूर्वक महिला व पुरुष नसबंदी करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं जिला अस्पताल के सर्जन- डॉ अनिल कुमार*

*लगभग 60000 महिलाओं और 300 पुरुषों की नसबंदी कर चुके डॉ.अनिल कुमार*

*इटावा।* परिवार नियोजन कार्यक्रम एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसका सीधा संबंध मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करना से होता है।परिवार नियोजन का आशय सिर्फ जनसंख्या नियंत्रण करना ही नहीं अपितु नियोजित परिवार ही एक स्वस्थ व खुशहाल परिवार की नींव है। *जनपद में परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए* पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।जिला महिला अस्पताल के सीनियर सर्जन डॉ.अनिल कुमार का नाम जनपद में ही नहीं आसपास के जनपद में भी पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी करने के लिए प्रसिद्ध है।
*मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भगवान दास ने बताया* कि परिवार नियोजन के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पुरुष नसबंदी व महिला नसबंदी के लिए आयोजित कैंपों में जिस तरह से वह काम कर रहे हैं वह बहुत ही सराहनीय है।उनके द्वारा जिस तरह का सहयोग कैंपों मैं किया जा रहा है वह तारीफ के काबिल है।वह पुरुष नसबंदी और महिला नसबंदी के प्रति जिस तरह ग्रामीण व शहरी लोगों को जागरूक कर रहे हैं उसके परिणाम स्वरूप लोग स्वेच्छा से आगे आकर स्वयं नसबंदी करा रहे हैं।उन्होंने कहा कि डॉ.अनिल कुमार जनपद में सफलता पूर्वक पुरुष व महिला नसबंदी करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
*डॉ भीमराव अंबेडकर जिला महिला अस्पताल में कार्यरत सीनियर सर्जन डॉ.अनिल कुमार* सन 2002 से जनपद के लिए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।डॉ.अनिल ने कहा कि पुरुष व महिला नसबंदी कराने पर किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती।उन्होंने बताया कि नसबंदी कराने से पूर्व कंप्लीट हीमोग्राम व सुगर की जांच की जाती है।नसबंदी कराने के बाद उस महिला और पुरुष का फॉलोअप भी किया जाता है।अगर किसी को कोई समस्या आती है तो उसे तुरंत चिकित्सीय सलाह व देखरेख की जाती है।
*डॉ.अनिल कुमार ने बताया* कि जनपद के अलावा अन्य जनपदों में भी नसबंदी कराने जाते हैं साथ ही लोगों को नसबंदी से संबंधित भ्रांतियों को दूर कर नसबंदी करने के लिए प्रेरित करते हैं।डॉ.अनिल कुमार ने बताया सन 2002 से अब तक औरैया,कन्नौज, कानपुर देहात व अन्य जनपदों में भी राज्य स्तर आयोजित नसबंदी कैंपों में जाकर मैंने लगभग 60,000 से अधिक महिला नसबंदी और 300 से अधिक पुरुष नसबंदी की है।उन्होंने कहा कि उनके इस प्रदर्शन के लिए उन्हें राज्य और जिला स्तर पर कई बार पुरस्कृत किया गया है।जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा लगभग हर वर्ष प्रशस्ति पत्र भी मिला है।
*डॉ.अनिल कुमार ने बताया* कि पिछले 4-5 सालों से मैंने देखा है लोग परिवार नियोजन कार्यक्रमों के प्रति जागरूक हुए हैं और बिना किसी प्रेरक के स्वयं अपनी स्वेच्छा से आकर महिला और पुरुष नसबंदी करा रहे हैं। उन्होंने कहा कुछ वर्ष पूर्व जो भी महिला व पुरुष नसबंदी कराने आते थे उनके 6-7 बच्चे होते थे तब वह नसबंदी कराने आते थे लेकिन अब ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है।  समाज के अंदर लड़का और लड़की का भेद भी कम हुआ है,कई ऐसी महिलाएं हैं जिनके दो लड़कियां हैं लेकिन उन्होंने आकर स्वेच्छा से नसबंदी कराई और कई ऐसे दंपत्ति भी हैं जो केवल 1 बच्चे के जन्म के बाद नसबंदी करा रहे हैं।
*उन्होंने बताया* कि जनपद में 2019-20 में 2610 महिलाएं और 6  पुरुषों की नसबंदी कराई गई 2020-21 में 2216 महिलाओं और 6 पुरुषों ने 2021-22 में अब तक 1200 से अधिक महिलाओं और पांच पुरुषों की नसबंदी कराई जा चुकी है।
*डॉ.अनिल कुमार ने बताया* कि महिला व पुरुष नसबंदी करवाने के बाद कोई परेशानी नहीं होती है लेकिन महिला नसबंदी के सापेक्ष पुरुष नसबंदी सरल होती है इसीलिए मैं अपील करता हूं पुरुष भी अपनी भागीदारी निभाएं।यदि किसी को कोई भ्रांति है तो वह जिला अस्पताल में मुझसे आकर सलाह ले सकता है।डॉ. अनिल कुमार ने बताया नसबंदी कराने वाले पुरुषों को ₹3000 प्रोत्साहन राशि के रूप में भी दिया जाता है व महिलाओं को ₹2000 व प्रसव उपरांत महिला को नसबंदी कराने पर 3000 राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाती है

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