मऊ जनपद में ड्रीमलैंड प्रदर्शनी बनी खतरे की घंटी, सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर उठे सवाल प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग

Report By: आसिफ अंसारी
मऊ:मऊ जनपद में इन दिनों चल रही ड्रीमलैंड प्रदर्शनी जहां एक ओर आम जनता के लिए मनोरंजन और मेल-जोल का प्रमुख केंद्र बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर इसकी सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की शिकायतों ने इस प्रदर्शनी की व्यवस्थाओं की असलियत उजागर कर दी है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यदि समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो यह प्रदर्शनी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
बिना फायर सेफ्टी के चल रहे झूले आग लगने पर नहीं होगी तत्काल मदद
सबसे बड़ा सवाल प्रदर्शनी में लगाए गए झूलों की फायर सेफ्टी को लेकर उठ रहा है। सूत्रों के अनुसार, किसी भी बड़े झूले के पास अग्निशमन यंत्र या अग्निशमन सिलेंडर की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यह सीधे-सीधे फायर सेफ्टी मैनुअल और एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। आग जैसी आकस्मिक घटना की स्थिति में तत्काल नियंत्रण करना संभव नहीं होगा, जिससे बड़ी संख्या में लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती है।
बिना प्रमाणन और इंजीनियरिंग निरीक्षण के चल रही झूलों की सवारी
प्रदर्शनी में लगाए गए अधिकांश झूले तकनीकी निरीक्षण से नहीं गुजरे हैं। न तो इन झूलों का किसी अधिकृत इंजीनियर द्वारा निरीक्षण हुआ है और न ही इनके पास कोई फिटनेस सर्टिफिकेट मौजूद है। ऐसे में यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि ये झूले पूरी तरह अप्रमाणित हैं और यदि इनमें कोई तकनीकी खराबी आई, तो वह जानलेवा साबित हो सकती है।
क्या नियमों को ताक पर रखकर दी गई प्रदर्शनी को अनुमति?
इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि जिला प्रशासन ने ड्रीमलैंड प्रदर्शनी को अनुमति किस आधार पर दी। क्या प्रदर्शनी को नगर पालिका, पुलिस विभाग, अग्निशमन विभाग, और विद्युत विभाग से विधिवत स्वीकृति प्राप्त है? यदि नहीं, तो यह एक गंभीर प्रशासनिक चूक है और यह भी संकेत देता है कि कहीं न कहीं व्यवस्था में लापरवाही बरती गई है।
जीएसटी चोरी की भी आशंका वित्तीय अनियमितताएं उजागर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनी में लगे कई स्टॉल और टिकट काउंटर पर ग्राहकों को जीएसटी चालान या रसीद नहीं दी जा रही है। इससे यह संदेह और गहराता है कि इस आयोजन में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता और जीएसटी चोरी हो रही है। यह कर विभाग के लिए एक गंभीर मामला है और जांच की आवश्यकता है।
स्थानीय लोगों ने उठाई आवाज – तत्काल सुरक्षा ऑडिट की मांग
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन से मांग की है कि:
तत्काल प्रभाव से ड्रीमलैंड प्रदर्शनी की सुरक्षा ऑडिट कराई जाए।
झूलों की तकनीकी फिटनेस रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
प्रदर्शनी की अनुमति से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच की जाए।
यदि कोई भी मानक अधूरा पाया जाए तो प्रदर्शनी को तत्काल बंद किया जाए।
प्रशासन की चुप्पी खतरनाक – समय रहते कार्रवाई न हुई तो हो सकता है बड़ा हादसा
इस पूरे प्रकरण में जिला प्रशासन की चुप्पी और निष्क्रियता सवालों के घेरे में है। जबकि जनहित में यह आवश्यक है कि अधिकारी संवेदनशीलता दिखाते हुए त्वरित कार्रवाई करें। एक ऐसी जगह जहां प्रतिदिन हजारों लोग, विशेषकर बच्चे और महिलाएं, बड़ी संख्या में जुटते हैं, वहां सुरक्षा के मानकों से समझौता किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।