उत्तर प्रदेश में उद्यमिता को मिलेगा नया आयाम: एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने 90 दिनों की कार्ययोजना की समीक्षा, युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष जोर

उत्तर प्रदेश में उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने सोमवार को लखनऊ स्थित निर्यात भवन सभागार में विभाग की 90 दिनों की कार्ययोजना की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश के हर पात्र नागरिक तक योजनाओं का लाभ पहुंचे, इसके लिए प्रचार-प्रसार और योजनाओं के क्रियान्वयन को और प्रभावी बनाया जाए।
युवाओं को मिलेगा मंच: अप्रैल के अंत में युवा उद्यमी कॉन्क्लेव का आयोजन
मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान को और मजबूती देने के लिए अप्रैल 2025 के अंतिम सप्ताह में कानपुर और लखनऊ मंडलों में युवा उद्यमी कॉन्क्लेव-2025 का आयोजन प्रस्तावित है। इसमें IIT, AKTU, HBTU, लखनऊ विश्वविद्यालय और एमिटी विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख शैक्षिक संस्थानों का सहयोग लिया जाएगा।
कॉन्क्लेव में फ्रेंचाइजी बिजनेस, मशीनरी सप्लायर्स और बिजनेस ऑन व्हील्स से जुड़े विशेषज्ञ युवाओं को विभिन्न बिजनेस मॉडल प्रस्तुत करेंगे और उनके पंजीकरण को प्रोत्साहित करेंगे।
2025-26 में डेढ़ लाख युवाओं को मिलेगा लाभ
सचिवालय में हुई इस समीक्षा बैठक में मंत्री सचान ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1.50 लाख लाभार्थियों को योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी 90 दिनों में 50,000 आवेदन स्वीकृत कर 40,000 को ऋण वितरित किया जाए। साथ ही, पिछले वर्ष के 46,761 लंबित आवेदनों और 13,704 ऋण वितरण मामलों को त्वरित रूप से निपटाया जाए।
बैंकों और विभागों के बीच मजबूत समन्वय की आवश्यकता
मंत्री ने राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी, नोडल अधिकारियों, और मंडलीय अधिकारियों के बीच समन्वय को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मासिक समीक्षा बैठकें आयोजित कर प्रगति की निगरानी की जाए और योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाए।
भूमि की उपलब्धता और विभागीय पोर्टल को बनाने के निर्देश
बैठक में जिला उद्योग अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे जिलाधिकारियों के साथ समन्वय कर योजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
साथ ही, विभागीय पोर्टल को और अधिक यूजर-फ्रेंडली बनाने के लिए सुझाव दिए गए, ताकि लाभार्थी और मशीनरी सप्लायर्स आपस में ऑनलाइन कनेक्ट हो सकें और कोटेशन सिस्टम के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
हस्तशिल्पियों और लघु उद्यमियों को मिलेगा सम्मान और प्रशिक्षण
बैठक में हस्तशिल्पियों, कारीगरों और लघु उद्यमियों के लिए चलाई जा रही पुरस्कार, पेंशन और प्रशिक्षण योजनाओं की भी समीक्षा की गई। मंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के लिए बजट समय पर स्वीकृत कर जनपदों को लक्ष्यानुसार आवंटन किया जाए।
नवाचार के साथ आगे बढ़ेगा ओडीओपी: ODOP 2.0 और ODOC की शुरुआत
आयुक्त एवं निदेशक उद्योग के. विजेन्द्र पांडियन ने बताया कि ओडीओपी को नई दिशा देने के लिए ODOP 2.0 की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसके साथ ही, One District One Cuisine (ODOC) की शुरुआत की जाएगी, जिसके तहत जनपदों के विशिष्ट व्यंजनों को ब्रांडिंग के माध्यम से औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाया जाएगा।
यूनिटी मॉल, औद्योगिक पार्क और निवेश को बढ़ावा
पांडियन ने यह भी बताया कि कार्ययोजना में यूनिटी मॉल के निर्माण, एमएसएमई नीति-2022 के तहत ऑनलाइन आवेदनों के त्वरित निस्तारण, और निजी निवेशकों को औद्योगिक पार्कों के लिए वित्तीय सहायता देने का भी प्रावधान है।
ग्रामीण स्तर पर एसआरएलएम के सहयोग से 5,000 सोलर शिप कम सर्विस सेंटर स्थापित करने की योजना पर भी चर्चा हुई।
मंत्री राकेश सचान द्वारा प्रस्तुत और समीक्षा की गई यह 90 दिनों की कार्ययोजना उत्तर प्रदेश को उद्यमिता के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। युवाओं, महिलाओं, कारीगरों और लघु उद्यमियों को प्रत्यक्ष लाभ देने के साथ-साथ यह योजना प्रदेश की आर्थिक प्रगति और सामाजिक विकास को भी गति प्रदान करेगी।
सरकार की यह पहल निश्चित ही उत्तर प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को नया आकार देगी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगी।