इटावा विधानसभा चुनाव में सदर सीट पर तीन दलों के प्रत्याशी दिवंगत पूर्व विधायक महेंद्र सिंह राजपूत की तस्वीर से लोधी राजपूत वोट बैंक साधने में जुटे हुए हैं। समाजवादी पार्टी के गढ़ माने जाने वाले इटावा की सदर सीट पर राजपूत समाज का लगभग 40 से 45 हजार अनुमानित वोट माना जा रहा हैं। जिसको लेकर सपा-बसपा व जनधिकार पार्टी के चुनावी पोस्टरों में उनकी फ़ोटो देखने को मिल रही है। वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से सपा सरकार बनने पर उनके नाम से स्मारक पार्क बनाने की भी घोषणा की गई है। वहीं स्व महेंद्र सिंह राजपूत की फोटो का इस्तेमाल तीन दलों के चुनाव प्रचार में किया जा रहा है। इसको लेकर उनके पुत्र योगेंद्र सिंह ने साफ तौर पर कहा कि मुझसे किसी भी दल ने संपर्क नही किया और न ही मुझे इस मामले की जानकारी है।
लोधी समाज के सिरमौर माने जाते थे महेंद्र सिंह
गौरतलब है कि स्व. महेंद्र सिंह राजपूत बेहद जमीनी नेता माने जाते थे। उनकी हर वर्ग हर जाति में अच्छी पकड़ थी। इसके चलते 2009 में सपा के किले में सेंधमारी करने में सफल हुए थे। राजनीतिक पार्टियों को क्यों याद आई इस बात को वोट प्रतिशत के माध्यम से समझने की कोशिश करते हैं। कि आखिर सदर सीट पर तीन दलों के प्रत्याशी उनकी फोटो लगाकर चुनाव प्रचार में जुटे हुए है और उनको अपना आदर्श मान रहे हैं। इसके पीछे एहम वजह यही मानी जा रही है कि लोधी राजपूत समाज का एक मुस्त 40 से 50 हजार वोट अनुमानित माना जाता है |
पूर्व विधायक स्व महेंद्र सिंह राजपूत ने समाजवादी पार्टी से अपने राजनीति की शुरुआत की। इसमें एक बार जिला पंचायत अध्यक्ष और सपा 2002, 2007 में सपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। सपा छोड़कर 2009 में उन्होंने बसपा के टिकट से समाजवादी पार्टी को ही चुनौती दे डाली। पहली बार बसपा का सदर सीट पर परचम फहरा दिया। उसके बाद 2012 के चुनाव में सपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य ने महेंद्र सिंह राजपूत को हराकर वह पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। 17 अगस्त 2012 को महेंद्र सिंह राजपूत को दिल का दौरा पड़ा। इटावा की जनता के बीच से एक जमीनी और लोकप्रिय नेता चला गया।
राजपूत बिरादरी के सिरमौर माने जाने वाले स्व महेंद्र सिंह के नाम का इस्तेमाल 2022 विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, और बाबू सिंह कुशवाहा की राष्ट्रीय जनाधिकार पार्टी के सदर प्रत्याशी उनकी फ़ोटो को अपने चुनावी हित के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। जिले के सपा नेताओं ने सरकार बनने पर उनके नाम से स्मारक और पार्क स्थापित करने की भी घोषणा कर दी है।
सपा से राजनीति की उन्होंने शुरुआत की थी आखिरी समय में वह बसपा में थे
पूर्व विधायक के पुत्र योगेंद्र सिंह जब इस बारे में जानने की कोशिश की गई तो उनको इस तरह कोई जनकारी न होने की बात बतायी उसके बाद उन्होंने साफ तौर पर बताया कि वह किसी भी राजनीतिक दलों से जुड़े नही हैं। और न ही उनके पिता की फ़ोटो चुनाव में अपने निजी लाभ के लिए फोटो इस्तेमाल करने की किसी ने अनुमति नहीं ली और न ही उनका किसी भी प्रत्याशी को समर्थन या विरोध नही हैं। योगेंद्र का मानना है कि उनके पिता जमीनी और लोकप्रिय नेता थे। सपा से राजनीति की उन्होंने शुरुआत की थी आखिरी समय में वह बसपा में थे व सभी वर्ग के नेता थे जनपद की जनता को उनसे बेहद लगाव था जिसके लिए अब प्रत्याशी उनकी फोटो लगाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं। लेकिन मेरा किसी प्रत्याशी को कोई समर्थन नही है। और न किसी ने मुझसे इस बात के लिए सम्पर्क किया।
बसपा जिलाध्यक्ष बलवीर जाटव कहते है कि स्व महेंद्र सिंह जी बसपा से विधायक रहे और आखिरी समय मे बसपा में ही थे तो वह हमारे नेता थे हम सभी बसपा नेता उनका सम्मान करते हैं। इसलिए उनका फ़ोटो प्रचार में लगाई गई हैं। जनाधिकार पार्टी के प्रत्याशी सत्यप्रकाश राजपूत का कहना हैं। वह बड़े नेता थे पिछड़े वर्ग के साथ साथ वह सभी के नेता थे और हमारे समाज का 65 से 70 हजार वोट बैंक हैं। लेकिन किसी बड़े दल ने राजपूत समाज को सदर सीट से टिकट नहीं दिया। इसलिए हम राजपूत समाज से प्रत्याशी के तौर पर उतरे हैं। सभी पार्टियों को राजपूतों का वोट चाहिए लेकिन टिकट नहीं देना चाहते हैं। 10 मार्च को इसका जवाब सभी पार्टियों को मिल जाएगा।