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इटावा महिलाओं में गर्भाशय कैंसर के प्रति जागरूकता होना आवश्यक- डॉ.यशस्मिता*

महिलाओं में गर्भाशय कैंसर के प्रति जागरूकता होना आवश्यक- डॉ.यशस्मिता*

*इटावा* प्रतिवर्ष कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के बारे में समुदाय में जागरूकता लाने के लिए ही हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।इस वर्ष इस दिवस की थीम “क्लोज द केयर गैप” है।कैंसर कई प्रकार का होता है,भारतवर्ष में कई महिलाएं गर्भाशय कैंसर से पीड़ित हैं ऐसा मुख्य रूप से देखा गया है जिसके कारण उचित सावधानी न बरतने पर यह मौत का कारण भी बनता है। इसलिए सभी महिलाओं को गर्भाशय के कैंसर के प्रति जागरूक होना आवश्यक है यह कहना है जिला महिला अस्पताल स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.यशस्मिता का।विश्व कैंसर दिवस पर उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों में औसतन प्रतिवर्ष 5 से 7 महिलाएं गर्भाशय कैंसर से पीड़ित या लक्षण युक्त उपचार के दौरान पाई जाती है।डॉ.सिंह ने बताया इसलिए इस कैंसर के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता और जानकारी महिलाओं को होनी अत्यंत आवश्यक है।
*गर्भाशय कैंसर क्या है?*
गर्भाशय में कोशिकाएं जब असामान्य विकास से कोशिकाओं में वृद्धि होने लगती है और योनि से खून बहने का कारण बन जाता है इस स्थिति को गर्भाशय कैंसर कहते हैं।
*डॉ.यशस्मिता ने बताया* कि गर्भाशय कैंसर के अलावा महिलाओं में अधिकतर सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय के मुंह का कैंसर) के लक्षण भी बहुत अधिक देखे जाते हैं। महिलाओं में गर्भाशय कैंसर के कुछ प्रमुख लक्षण देखे जाते हैं जैसे रजोनिवृत्ति के दौरान या उसके बाद योनि से खून निकलना प्रमुख लक्षण है गर्भाशय कैंसर का।इसके अलावा मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्त स्त्राव होना,पेल्विक दर्द होना,कमजोरी महसूस होना,भूख न लगना जैसे लक्षण यदि किसी महिला को अनुभव हो तो उसे तुरंत जांच करवानी चाहिए।स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाकर महिलाओ को उचित परामर्श लेना चाहिए किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
*डॉ.सिंह ने बताया* जिला अस्पताल में आने वाली महिलाओं में गर्भाशय कैंसर के लक्षण देखने को मिलते हैं तो उन्हें जांच के लिए सैफई मेडिकल कॉलेज में विशेष रूप से संपूर्णा क्लीनिक के रूप में महिलाओं की जांच के लिए विशेष व्यवस्था की गई है इनको वहां जांच के लिए भेजा जाता है।
*गर्भाशय कैंसर* के प्रति जागरूक होते हुए महिलाओं को अपना ध्यान रखना चाहिए अगर पेल्विक दर्द बार-बार हो रहा है तो डॉक्टर के पास आकर जांच अवश्य करवाएं। पौष्टिक और संतुलित भोजन हमेशा लेती रहें।जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं उनको गर्भाशय कैंसर का खतरा अधिक होता है इसलिए धूम्रपान न करें।मासिक धर्म के दौरान साफ सफाई का उचित ध्यान रखें।गंदे कपड़े का प्रयोग बिल्कुल न करें।गर्भाशय संक्रमण फैलने का डर रहता है और कभी-कभी गर्भाशय कैंसर का कारण बनता है।
*डॉ.सिंह ने बताया* कि यदि कोई महिला असुरक्षित योनिक प्रक्रिया करती है तो उसका असर उसकी सेहत पर पड़ता है और गर्भाशय कैंसर होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए महिलाएं सुरक्षित योनिक प्रक्रिया अपनाएं।डॉ. यशस्मिता ने बताया गर्भाशय कैंसर की समस्या 50 वर्ष के लगभग महिलाओं में या अधिक आयु की महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है।गर्भाशय कैंसर में रजोनिवृत्ति के बाद योनि से रक्त स्त्राव या योनि से बदबूदार स्राव होना,मासिक धर्म के बीच योनि में अधिक रक्तस्राव होना, संभोग के बाद योनि से रक्तस्राव होना,पेडू में दर्द आदि लक्षण प्रमुखता से महिलाओं में पाए जाते हैं।यदि इस तरह के लक्षण महिलाओं में दिखे वह तुरंत अपनी जांच करवाएं और उचित चिकित्सीय परामर्श ले।
*डॉ.सिंह ने बताया* कि आजकल अनियमित दिनचर्या मानसिक तनाव आदि अन्य कारण भी गर्भाशय कैंसर के अप्रत्यक्ष कारण है क्योंकि महिलाओं को इस कैंसर की पूरी जानकारी नहीं होती इसी कारण वह शुरुआत में ध्यान नहीं दे पाती और जब समस्या बढ़ जाती है तब वह डॉक्टर के पास आती है जिससे सही इलाज समय से शुरू नहीं हो पाता।
*डॉ.यश्मिता ने कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के बारे में समुदाय में जागरूकता लाने के लिए ही हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।* इसलिए महिलाओं को गर्भाशय कैंसर के प्रति जागरूक होते हुए अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए और पौष्टिक व संतुलित भोजन के साथ स्वस्थ दिनचर्या अपनाना चाहिए

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