अंधेरे में डूबा यूरोप! फ्रांस, स्पेन और पुर्तगाल में बड़ा ब्लैकआउट, ट्रैफिक सिस्टम ठप, मोबाइल नेटवर्क बंद और रेल सेवाएं रुकीं

यूरोप के कई प्रमुख देशों – फ्रांस, स्पेन और पुर्तगाल – में सोमवार को अचानक एक भीषण ब्लैकआउट की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस अभूतपूर्व बिजली संकट ने इन देशों के जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। ना सिर्फ घरों और दफ्तरों की बिजली गुल हो गई, बल्कि मोबाइल नेटवर्क से लेकर रेलवे सेवाएं और ट्रैफिक लाइट्स तक पूरी तरह ठप हो गईं।
कैसे शुरू हुआ यह ब्लैकआउट?
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार दोपहर करीब 1:45 बजे (स्थानीय समयानुसार) अचानक विद्युत आपूर्ति में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बताया जा रहा है कि यह संकट एक अंतरराष्ट्रीय पावर ग्रिड फेल्योर के चलते शुरू हुआ, जिसने फ्रांस के दक्षिणी हिस्सों से लेकर स्पेन और पुर्तगाल के अधिकांश क्षेत्रों को चपेट में ले लिया।
ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई
ब्लैकआउट के चलते ट्रैफिक सिग्नल्स बंद हो गए और कई प्रमुख शहरों में जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। पेरिस, मैड्रिड और लिस्बन जैसे बड़े शहरों में वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं। आपातकालीन सेवाओं को ट्रैफिक कंट्रोल में लगाना पड़ा, लेकिन स्थिति को पूरी तरह काबू में लाने में काफी समय लग गया।
मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवा भी हुईं ठप
इस बिजली संकट का असर केवल यातायात व्यवस्था पर ही नहीं पड़ा, बल्कि दूरसंचार सेवाओं पर भी जबरदस्त असर देखा गया। लाखों लोग मोबाइल नेटवर्क से कट गए। इंटरनेट सेवाएं भी रुक-रुक कर चलती रहीं या पूरी तरह बंद हो गईं। इससे लोगों में घबराहट का माहौल बन गया और सोशल मीडिया पर भी अफवाहों का दौर शुरू हो गया।
रेल सेवाओं पर ब्रेक – यात्री हुए परेशान
ब्लैकआउट के कारण हाई-स्पीड ट्रेनों सहित कई प्रमुख रेलगाड़ियाँ बीच रास्ते में ही रुक गईं। यात्रियों को घंटों तक ट्रेनों में फंसे रहना पड़ा। फ्रांस की SNCF और स्पेन की Renfe रेलवे कंपनियों ने यात्रियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की और कहा कि सेवाओं को बहाल करने के लिए तकनीकी टीमें जुटी हुई हैं।
सरकारें अलर्ट पर, सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय
फ्रांस, स्पेन और पुर्तगाल की सरकारों ने स्थिति पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है। आपातकालीन समितियों की बैठकें हो रही हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट पर रखा गया है। फिलहाल किसी साइबर अटैक की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जांच एजेंसियां हर एंगल से मामले की जांच कर रही हैं।
बाजारों और अस्पतालों पर भी असर
बिजली न होने से बाजारों में अफरातफरी मच गई। कई सुपरमार्केट और दुकानें बंद करनी पड़ीं। अस्पतालों में जनरेटर का सहारा लेना पड़ा, लेकिन कहीं-कहीं उपकरणों के काम न करने की खबरें भी आईं, जिससे मरीजों की स्थिति गंभीर हो गई।
क्या है आगे की स्थिति?
बिजली विभाग और पावर ग्रिड कंपनियां लगातार प्रयास कर रही हैं कि जल्द से जल्द विद्युत आपूर्ति बहाल हो सके। फ्रांस के एनर्जी मिनिस्टर ने कहा है कि यह एक “असाधारण तकनीकी समस्या” है और इसे जल्द हल कर लिया जाएगा।
जनता से की गई अपील
तीनों देशों की सरकारों ने जनता से संयम बनाए रखने की अपील की है और अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा है। साथ ही कहा गया है कि आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता दी जा रही है और जल्द स्थिति सामान्य हो जाएगी।
इस अभूतपूर्व ब्लैकआउट ने एक बार फिर दिखा दिया है कि आधुनिक जीवन कितनी हद तक बिजली और डिजिटल नेटवर्क पर निर्भर हो चुका है। आने वाले दिनों में यह घटना ऊर्जा सुरक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर की मजबूती को लेकर नए सवाल खड़े कर सकती है।