किसानों ने बिजली, सिंचाई और सड़क समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन, चेताया आंदोलन का रास्ता अपनाने का

रिपोर्ट: मुफीद खान
क्षेत्र की जमीनी समस्याओं को लेकर किसानों का आक्रोश अब सड़कों पर नजर आने लगा है। सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) से जुड़े किसानों ने संगठन के जिला अध्यक्ष हरिओम वर्मा के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने बिजली, सिंचाई और सड़कों की बदहाल स्थिति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है और इन मुद्दों के समाधान की मांग की है।
बिजली की आपूर्ति में भारी कटौती से फसल कार्य प्रभावित
ज्ञापन में साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि गांवों में किसानों को आवश्यक कृषि कार्यों के समय बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है। लगातार हो रही बिजली कटौती के कारण धान की रोपाई, निंदाई और अन्य फसल संबंधी गतिविधियाँ बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। किसानों ने बताया कि दिन में कई घंटे बिजली गुल रहने के कारण ट्यूबवेल और पंप सेट नहीं चल पा रहे, जिससे खेतों की सिंचाई बाधित हो रही है।
राजकीय नलकूपों की खराबी बनी मुसीबत
किसानों ने यह भी बताया कि क्षेत्र के कई राजकीय नलकूप लंबे समय से खराब पड़े हैं, लेकिन सिंचाई विभाग और नलकूप विभाग के अधिकारी पूरी तरह उदासीन बने हुए हैं। नलकूपों की मरम्मत न होने के कारण सिंचाई की समस्या और भी गहराती जा रही है। इससे किसान परेशान हैं और फसल की उपज पर भी सीधा असर पड़ रहा है।
ग्राम सिसौना से हरगोविंदपुर तक सड़क में गड्ढों का साम्राज्य
ज्ञापन में सड़क की दुर्दशा का भी मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया। किसानों ने बताया कि ग्राम सिसौना से हरगोविंदपुर तक की सड़क पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। जगह-जगह जलभराव और उबड़-खाबड़ रास्तों के कारण वाहनों की आवाजाही बेहद कठिन हो गई है। स्कूल जाने वाले बच्चे, बुजुर्ग और मरीजों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
रेलवे की लेटलतीफी और अतिक्रमण से यात्री परेशान
किसानों ने ज्ञापन में रेलवे ट्रेनों की लगातार हो रही लेटलतीफी और रेलवे स्टेशन परिसर में हो रहे अतिक्रमण का मुद्दा भी उठाया। उनका कहना है कि यात्रियों को न केवल घंटों देरी से आने वाली ट्रेनों का सामना करना पड़ता है, बल्कि स्टेशन परिसर की अव्यवस्था और अतिक्रमण से भी भारी परेशानी होती है।
अधिकारियों की निष्क्रियता पर नाराजगी, चेतावनी दी आंदोलन की
किसानों ने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय कृषि विभाग, बिजली विभाग और नलकूप विभाग के अधिकारी समस्याओं को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। समय रहते कोई समाधान न होने पर किसान संगठन ने चेतावनी दी कि वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की अनदेखी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ज्ञापन सौंपने वालों में शामिल रहे कई पदाधिकारी
ज्ञापन सौंपते समय हरिओम वर्मा के साथ संगठन के अन्य पदाधिकारी शिवम वर्मा, जितेन्द्र उपाध्याय, हरीश गौतम, ब्रजमोहन मौर्य समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में प्रशासन से मांग की कि क्षेत्र की समस्याओं का तत्काल निराकरण हो, अन्यथा मजबूर होकर उग्र आंदोलन किया जाएगा।