विशेष लेख : आकाश यादव
फ्रेंडशिप डे (Happy Friendship Day 2024) के अवसर पर, हम भारतीय राजनीति में कुछ ऐसी महत्वपूर्ण मित्रताओं के किस्से साझा कर रहे हैं, जो न केवल प्रेरणादायक हैं, बल्कि कई पीढ़ियों तक चर्चा का विषय बनी रहीं। राजनीति में अक्सर यह कहा जाता है कि न कोई स्थाई दोस्त है और न ही दुश्मन। लेकिन इसके बावजूद, कुछ राजनीतिक रिश्ते ऐसे हैं, जो समय और परिस्थितियों से परे हैं और जो एक दूसरे के प्रति गहरी निष्ठा का परिचायक हैं।
मोदी-शाह की दशकों पुरानी दोस्ती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मित्रता भारतीय राजनीति की एक अनूठी मिसाल है। यह दोस्ती 1980 के दशक में शुरू हुई, जब मोदी आरएसएस के प्रचारक थे और शाह एक युवा स्वयंसेवक। दोनों का मिलन एक आरएसएस मीटिंग में हुआ था, जहां उनकी विचारधारा और राजनीतिक दृष्टिकोण के बीच गहरी समझ बनी। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने इस दोस्ती को ‘एक ही पंख के पक्षी’ की उपमा दी थी।
इस जोड़ी ने कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उनके बीच का विश्वास और समर्थन हमेशा मजबूत बना रहा। मोदी और शाह ने 2014 में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के लिए एक-दूसरे की मदद की और तब से दोनों ने मिलकर कई महत्वपूर्ण नीतियों और योजनाओं को लागू किया है। उनकी यह दोस्ती न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि राजनीतिक रूप से भी भारतीय राजनीति की दिशा को बदलने में महत्वपूर्ण रही है।
अटल-आडवाणी की अनोखी दोस्ती
अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की मित्रता 1950 के दशक में भारतीय जनसंघ के दिनों से शुरू हुई। दोनों नेताओं ने भारतीय राजनीति में एक नई दिशा दी और भाजपा को विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आडवाणी ने एक बार बताया था कि वे वाजपेयी के साथ गोलगप्पे खाने के शौकीन थे। कनॉट प्लेस में स्कूटर पर गोलगप्पे खाने जाना उनके लिए एक खास यादगार लम्हा था। इसके अलावा, उन्होंने साथ में फिल्में देखने और किताबें पढ़ने में भी रुचि दिखाई। इन दोनों नेताओं के बीच का संबंध केवल राजनीतिक सहयोग तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक गहरी मित्रता का प्रतीक था।
केजरीवाल-सिसोदिया का अटूट बंधन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की दोस्ती भी राजनीति में एक मिसाल है। दोनों की दोस्ती की शुरुआत उस समय हुई जब सिसोदिया एक पत्रकार थे और केजरीवाल भारतीय राजस्व सेवा के एक अधिकारी थे। उनकी मुलाकात एक एनजीओ के कार्यक्रम के दौरान हुई थी, जिसने उनके बीच की दोस्ती को और मजबूत किया।
दोनों ने मिलकर 2011 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भाग लिया और इसके बाद आम आदमी पार्टी की स्थापना की। उनके रिश्ते की सबसे खास बात यह है कि मुश्किल समय में भी वे हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं। हाल के शराब घोटाले में भी दोनों ने एक-दूसरे का समर्थन किया, जो उनकी मित्रता की गहराई को दर्शाता है।
फ्रेंडशिप डे का महत्व
फ्रेंडशिप डे हर साल अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस बार यह 4 अगस्त को मनाया जा रहा है। यह दिन हमें सच्ची दोस्ती और उसके महत्व को याद दिलाता है, चाहे वह व्यक्तिगत जीवन हो या राजनीतिक क्षेत्र।
इन राजनीतिक मित्रताओं के किस्से यह दर्शाते हैं कि सच्ची दोस्ती में विश्वास, समर्थन और एक-दूसरे के प्रति निष्ठा होती है। भले ही राजनीति में कई बार हालात बदलते हैं, लेकिन मजबूत बंधन हमेशा अडिग रहते हैं। इन नेताओं की दोस्ती ने न केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा को प्रभावित किया है, बल्कि देश की राजनीति की दिशा को भी नए आयाम दिए हैं।
इस फ्रेंडशिप डे पर, हम सभी को इन प्रेरणादायक रिश्तों को याद करते हुए, अपने जीवन में भी सच्ची दोस्ती की अहमियत को समझने की जरूरत है।