गाजीपुर जिलाधिकारी ने किया राजेश्वरी विकलांग विद्यालय का औचक निरीक्षण, व्यवस्थाओं का लिया जायजा
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Report By:आसिफ अंसारी
गाजीपुर : जिले की जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने सोमवार को समर्पण संस्था शास्त्री नगर, गाजीपुर द्वारा संचालित राजेश्वरी विकलांग विद्यालय एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र, फतेहउल्लाहपुर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं, शिक्षण पद्धति और छात्रों की आवश्यकताओं की गहन समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान सुखबीर एनर्जी, फतेहउल्लाहपुर के जी.एम. प्रिंस गरखर ने संस्था की संरक्षिका सविता सिंह के साथ मिलकर जिलाधिकारी को विद्यालय की कार्यप्रणाली और वहां दी जा रही सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जिलाधिकारी ने विद्यालय में उपस्थित एचआई (हियरिंग इम्पेयर्ड) बच्चों की शिक्षा और उनके लिए उपलब्ध संसाधनों की विशेष रूप से समीक्षा की।
बच्चों की सुविधाओं पर दिया जोर
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने बच्चों से बातचीत की और उनकी आईडी, भोजन, पानी, स्वच्छता, कक्षाओं की स्थिति और शिक्षण सामग्री के बारे में जानकारी ली। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि बच्चों को समय पर भोजन और शुद्ध पेयजल मिल रहा है या नहीं। साथ ही, विद्यालय परिसर की साफ-सफाई को लेकर भी विशेष निर्देश दिए।
उन्होंने विद्यालय में विशेष जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा व्यवस्था पर जोर देते हुए शिक्षकों को निर्देश दिया कि वे बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विशेष प्रयास करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही समाज में समानता और समावेशन लाने का सबसे सशक्त माध्यम है। जिलाधिकारी ने व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र का भी अवलोकन किया और वहां उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा की।
विद्यालय की व्यवस्थाओं की समीक्षा
निरीक्षण के दौरान विद्यालय के प्रधानाध्यापक अमरनाथ गुप्ता, कोर्स कोऑर्डिनेटर अजीत कुमार गुप्ता, अध्यापिकाएं रागिनी सिंह, लक्ष्मी वर्मा, नाजिया बेगम, सुमित्रा सिंह, अध्यापक अशोक कुमार यादव सहित विद्यालय के अन्य शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
विद्यालय प्रशासन ने जिलाधिकारी को बताया कि विद्यालय में दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जाते हैं, जिससे वे भविष्य में अपने पैरों पर खड़े हो सकें। जिलाधिकारी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों की शिक्षा और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए इस तरह की संस्थाएं बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
विद्यालय को लेकर दिए आवश्यक निर्देश
निरीक्षण के अंत में जिलाधिकारी ने विद्यालय प्रशासन को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए, जिनमें शामिल हैं:
1. सुविधाओं में सुधार: विद्यालय में पेयजल और भोजन की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
2. शिक्षण व्यवस्था को मजबूत करना: विशेष रूप से एचआई बच्चों की पढ़ाई को लेकर और अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
3. साफ-सफाई और सुरक्षा: विद्यालय परिसर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि बच्चों को स्वस्थ वातावरण मिले।
4. व्यावसायिक प्रशिक्षण को सशक्त बनाना: बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें अधिक रोजगारपरक कौशल सिखाए जाएं।
समर्पण संस्था का प्रयास सराहनीय
समर्पण संस्था द्वारा संचालित इस विद्यालय में दिव्यांग बच्चों को विशेष शिक्षा दी जाती है। साथ ही, उन्हें विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। इस दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों की सराहना की और कहा कि उनका यह प्रयास समाज के लिए बहुत प्रेरणादायक है।
विद्यालय प्रशासन ने जिलाधिकारी को आश्वासन दिया कि वे बच्चों की शिक्षा और उनके सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास करते रहेंगे। जिलाधिकारी ने भी प्रशासन को हर संभव सहयोग देने की बात कही और कहा कि यदि किसी भी प्रकार की समस्या हो तो वे तत्काल जिला प्रशासन से संपर्क करें।
गाजीपुर जिलाधिकारी का यह औचक निरीक्षण राजेश्वरी विकलांग विद्यालय के लिए सकारात्मक कदम साबित हुआ। इससे न केवल विद्यालय की व्यवस्थाओं का मूल्यांकन हुआ, बल्कि प्रशासन को भी दिव्यांग बच्चों की जरूरतों को समझने का अवसर मिला। जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप यदि विद्यालय में सुधार किए जाते हैं, तो इससे बच्चों की शिक्षा और उनके भविष्य को और अधिक उज्ज्वल बनाने में मदद मिलेगी।