अधिकारियों-कर्मचारियों को शासन ने दी बड़ी राहत, अब मोबाइल से भी लगेगी हाजिरी

Report By: स्पेशल डेस्क
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों को एक बड़ी राहत देते हुए उनकी उपस्थिति प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब तक केवल बायोमीट्रिक सिस्टम से हाजिरी दर्ज करने की बाध्यता थी, लेकिन अब शासन ने मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराने की अनुमति दे दी है। इस निर्णय से कार्यस्थल पर उपस्थिति की प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और लचीली हो जाएगी।
मुख्य सचिव कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार, राज्य सरकार ने “मोबाइल अटेंडेंस सिस्टम” को बायोमीट्रिक प्रणाली के पूरक के रूप में अपनाने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करना, फील्ड वर्क करने वाले अधिकारियों को सुविधा देना और तकनीकी समस्याओं के चलते उपस्थिति दर्ज न होने की समस्या को खत्म करना है।
किन्हें मिलेगा लाभ?
इस नई व्यवस्था का लाभ उन अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलेगा जो अक्सर फील्ड में रहते हैं या जिनके कार्यालयों में बायोमीट्रिक मशीनें तकनीकी कारणों से काम नहीं कर रही हैं। विशेष रूप से पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसे विभागों के फील्ड स्टाफ को इसका सबसे ज्यादा फायदा होगा।
कैसे काम करेगा मोबाइल अटेंडेंस सिस्टम?
राज्य सरकार द्वारा विकसित मोबाइल एप्लीकेशन में जीपीएस ट्रैकिंग, लाइव लोकेशन और सेल्फी के माध्यम से उपस्थिति दर्ज की जाएगी। कर्मचारी को अपनी लोकेशन ऑन कर ऐप में लॉगिन करना होगा और निर्धारित प्रक्रिया के तहत ‘चेक इन’ या ‘चेक आउट’ करना होगा। इससे कर्मचारियों की उपस्थिति का समय और स्थान रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगा।
फर्जी हाजिरी पर रोक लगेगी
मोबाइल अटेंडेंस सिस्टम की मदद से फर्जी उपस्थिति या दूसरों की जगह हाजिरी लगाने की संभावनाएं कम हो जाएंगी। शासन का मानना है कि इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।
प्रशासन का क्या कहना है?
इस संबंध में राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “कई बार कर्मचारियों को फील्ड ड्यूटी के चलते कार्यालय पहुंचना संभव नहीं हो पाता था, जिससे उनकी उपस्थिति प्रभावित होती थी। अब मोबाइल अटेंडेंस की सुविधा से वे कहीं से भी अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। इससे कामकाज में बाधा नहीं आएगी और कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव भी नहीं रहेगा।”
कब से होगी व्यवस्था लागू?
यह प्रणाली आगामी एक माह के भीतर पूरे राज्य में लागू कर दी जाएगी। सभी विभागों को आवश्यक निर्देश भेजे जा चुके हैं और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। साथ ही आईटी विभाग को तकनीकी सहायता और निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।