गाजीपुर में न्यायिक व्यवस्था के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। जिला जज धर्मेंद्र पांडेय की पहल पर न्यायालय परिसर में सरकारी मेडिकल क्लिनिक की शुरुआत की गई है। इस क्लिनिक का उद्घाटन मंगलवार, 5 नवंबर को जिला जज धर्मेंद्र पांडेय ने सिविल बार के पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अन्य मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति में किया।
इस क्लिनिक के खुलने से अधिवक्ताओं, वादकारियों और न्यायालय के कर्मचारियों को तत्काल चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। उद्घाटन के दौरान क्लिनिक के चिकित्सक ने उपस्थित लोगों का मेडिकल चेकअप भी किया। क्लिनिक में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध रहेंगी, जिससे किसी भी इमरजेंसी स्थिति में त्वरित उपचार संभव होगा।
उद्घाटन के अवसर पर जिला जज धर्मेंद्र पांडेय ने कहा, “अधिवक्ताओं की मांग पर हमने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखा था, जिसके बाद यह क्लिनिक स्थापित किया गया। अब न्यायालय परिसर में ही अधिवक्ताओं और वादकारियों को चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी।”
सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपाल जी लाल श्रीवास्तव ने जिला जज की इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “इस क्लिनिक की बहुत आवश्यकता थी। कई वरिष्ठ अधिवक्ता और बुजुर्ग वादकारी न्यायालय में आते हैं। कई बार तबियत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ता था, लेकिन अब यह सुविधा मिलने से बड़ी राहत मिलेगी।”
गाजियाबाद और अन्य जगहों पर जहां बार और बेंच के बीच तनाव देखने को मिल रहा है, वहीं गाजीपुर में जिला जज के इस प्रयास से दोनों पक्षों के बीच सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बना हुआ है। अधिवक्ता संघ और वादकारी इस कदम की खुलकर प्रशंसा कर रहे हैं।
यह सरकारी मेडिकल क्लिनिक न केवल एक आवश्यकता थी, बल्कि यह एक ऐसी पहल है जो भविष्य में न्यायालय परिसर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। जिला जज की इस पहल से गाजीपुर न्यायालय में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा, जिससे वकीलों और वादकारियों को बेहतर सेवाएं प्राप्त होंगी।