हाफिजे कुरआन बने मदरसा दरसुल ऊलूम के दो छात्र, परिवार में खुशी का माहौल
Report By : राहुल मौर्य
मसवासी (रामपुर): मदरसा दरसुल ऊलूम के दो होनहार छात्रों ने कुरआने पाक का हिफ्ज मुकम्मल कर हाफिजे कुरआन का मुकाम हासिल कर लिया है। इनकी इस शानदार उपलब्धि पर परिवार और समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई।
हाफिजे कुरआन बने दो छात्र
मदरसे में रहकर कुरआन हिफ्ज करने वाले छात्रों में
हाफिज मोहम्मद अदीब, पुत्र जमीर अहमद, निवासी बिलासपुर
हाफिज मोहम्मद मुकर्रम, पुत्र जाहिद हुसैन, निवासी बुढ़हन पुर, मुरादाबाद
इन दोनों छात्रों ने कठिन परिश्रम और अल्लाह की रहमत से कुरआन को हिफ्ज कर लिया। मदरसा प्रशासन और स्थानीय लोगों ने इन्हें सम्मानित किया।
सम्मान समारोह में उमड़ी भीड़
हाफिज बनने पर दोनों छात्रों को साफा पहनाकर और फूलों की मालाओं से नवाजा गया। इस मौके पर मदरसे में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें कई गणमान्य लोग और उलेमा शरीक हुए।
कुरआन की अहमियत पर उलेमा का बयान
मुफ्ती मोहम्मद सालिम ने अपने बयान में कहा कि हाफिजे कुरआन का दर्जा इस्लाम में बहुत ऊंचा है। उन्होंने बताया कि हदीस के मुताबिक, अल्लाह हाफिज के खानदान के दस ऐसे लोगों की भी मगफिरत करेगा, जिन पर जहन्नुम की मुहर लगी होगी।
मौलाना मोहम्मद साबिर ने मुल्क व मिल्लत की सलामती के लिए दुआ कराई और इस मौके पर शीरनी भी बांटी गई।
इन लोगों की रही मौजूदगी
सम्मान समारोह में मदरसा दरसुल ऊलूम के कई पदाधिकारी और समाज के प्रतिष्ठित लोग मौजूद रहे, जिनमें कोषाध्यक्ष हाफिज मोहम्मद फुरकान, सचिव मास्टर मोहम्मद अय्यूब, प्रबंधक मोहम्मद फारूक, मौलाना अब्दुल हक बदरुल सिद्दीकी, इस्लाम रजा, कारी मोहम्मद अशरफ, मौलवी उस्मान और हाफिज इश्त्याक सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
समाज में खुशी की लहर
इन छात्रों की सफलता पर न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे इलाके में हर्ष और उत्साह का माहौल है। स्थानीय लोगों ने भी मदरसे के प्रयासों की सराहना की और छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।