मायावती ने दिल्ली चुनावों के असंभावित परिणामों और बहुजन हितों के मुद्दों पर दिए दिशा-निर्देश, अमेरिका से आई चौंकाने वाली खबर
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Report By : स्पेशल डेस्क
दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के असंभावित नतीजों को लेकर चिंता जताई है। दिल्ली और अन्य पड़ोसी राज्यों के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिम्मेदार नेताओं की बैठक में पार्टी ने आगे की रणनीतियों पर चर्चा की। इस बैठक में पार्टी के लोगों को यह निर्देश दिए गए कि उन्हें असफलताओं से निराश होने की आवश्यकता नहीं है और उन्हें अपनी संघर्ष की दिशा जारी रखनी चाहिए। मायावती ने विशेष तौर पर पार्टी के कार्यकर्ताओं को अम्बेडकरवादी संघर्ष को दृढ़ता से आगे बढ़ाने की बात कही।
मायावती ने कहा कि दिल्ली चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार की छांव में बीएसपी को वह परिणाम नहीं मिल पाए, जिनकी उम्मीद थी। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की राजनीति भी हरियाणा की तरह दो प्रमुख पार्टियों के बीच राजनीतिक द्वेष, छल-फरेब और चुनावी झूठ का प्रदर्शन रही, जिसका प्रभाव बहुजन समाज के लोगों की स्थिति पर पड़ा। मायावती का मानना है कि दिल्ली के बहुजनों की स्थिति अब भी बदतर बनी हुई है और वह अपने “अच्छे दिन” का सपना देखते रहेंगे, यह स्थिति अभी जल्दी ठीक नहीं होने वाली है।
चुनावों में हस्तक्षेप की आशंका
इस बैठक के दौरान, मायावती ने एक और गंभीर मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने अमेरिका से आई एक चौंकाने वाली खबर पर ध्यान आकर्षित किया, जिसमें कहा गया है कि भारत में वोटरों की संख्या बढ़ाने के नाम पर 21 मिलियन डालर की भारी रकम दी जाती है। इस खबर ने सवाल उठाए हैं कि क्या यह चुनावों में बाहरी हस्तक्षेप का हिस्सा है और यदि है, तो इससे किसे लाभ हुआ है। उन्होंने जनता को सचेत करते हुए कहा कि इस प्रकार की बाहरी मदद से चुनावी परिणाम प्रभावित हो सकते हैं और इसका किसी विशेष दल को फायदा हो सकता है।
देश में बढ़ते हुए पलायन की समस्या
मायावती ने देश के भीतर बढ़ते हुए पलायन (distress migration) की समस्या पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि लोग अपनी रोज़ी-रोटी के लिए गाँव से शहरों, एक राज्य से दूसरे राज्य और कभी-कभी विदेशों की ओर पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं। यह स्थिति यह दर्शाती है कि देश में बहुत कुछ ठीक नहीं चल रहा है, खासकर देश की अर्थव्यवस्था, सरकारी नीतियाँ और जनहित से संबंधित कार्यकलापों के स्तर पर। मायावती ने इसे बहुजन समाज के हित के लिए चिंता का विषय बताया और सरकार से इसकी गंभीरता से जांच करने की अपील की।
कांशीराम जी की जयंती पर विशेष आयोजन
मायावती ने यह भी निर्देशित किया कि बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक और बहुजन नायक, मान्यवर श्री कांशीराम जी की जयंती 15 मार्च को यूपी और आल इंडिया स्तर पर पूरे मिशनरी भाव से मनाई जाए। उन्होंने कहा कि कांशीराम जी का योगदान बहुजन समाज के लिए अनमोल था और उनकी जयंती पर इस महान नेता के विचारों और संघर्ष को सम्मानित करना पार्टी की प्राथमिकता होगी।
मायावती का यह बयान इस बात को साबित करता है कि बीएसपी अपने मिशन और अम्बेडकरवादी संघर्ष के लिए प्रतिबद्ध है, भले ही दिल्ली चुनावों में उसे अपेक्षित परिणाम न मिले हों। पार्टी की नेतृत्व ने दिल्ली और अन्य राज्यों में बहुजन समाज के हितों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है। इसके साथ ही, बाहरी हस्तक्षेप के मामलों में पार्टी पूरी सतर्कता बरतने का आश्वासन देती है। पार्टी की यह रणनीति और आगे की दिशा आने वाले समय में बहुजन समाज के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।