प्रयागराज में न्यायपालिका की दिशा में ऐतिहासिक कदम, अधिवक्ता चैंबर्स और मल्टीलेवल पार्किंग भवन का हुआ भव्य उद्घाटन

रिपोर्ट: विशेष संवाददाता
प्रयागराज: धर्म, ज्ञान और न्याय की पावन भूमि तीर्थराज प्रयागराज एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब भारत के मुख्य न्यायाधीश, माननीय न्यायमूर्ति श्री भूषण रामकृष्ण गवई की गरिमामयी उपस्थिति में इलाहाबाद उच्च न्यायालय परिसर में नवनिर्मित अधिवक्ता चैंबर्स एवं मल्टीलेवल पार्किंग बिल्डिंग का भव्य उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर उच्चतम न्यायालय के अन्य माननीय न्यायमूर्तिगण एवं केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विधि एवं न्याय मंत्रालय, श्री अर्जुन राम मेघवाल भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
न्यायिक अधोसंरचना को मिला नया आयाम
उद्घाटन के साथ ही प्रयागराज में न्यायिक अधोसंरचना को एक नया आयाम मिला है। नवनिर्मित अधिवक्ता चैंबर्स से अधिवक्ताओं को एक सुव्यवस्थित, आधुनिक एवं सुविधासंपन्न कार्यस्थल उपलब्ध होगा, वहीं मल्टीलेवल पार्किंग भवन के माध्यम से न्यायालय परिसर में वर्षों से चली आ रही पार्किंग की समस्या का समाधान भी मिलेगा।
इस अत्याधुनिक भवन का निर्माण न केवल अधिवक्ताओं की कार्य क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया की गति और गुणवत्ता को भी प्रोत्साहित करेगा। यह अधोसंरचना न्यायिक प्रणाली के प्रति आमजन का विश्वास और भी मजबूत करने में सहायक होगी।
समारोह में मुख्य अतिथियों ने रखे विचार
मुख्य न्यायाधीश श्री भूषण रामकृष्ण गवई ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा,
“इलाहाबाद उच्च न्यायालय का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस नई अधोसंरचना से निश्चित रूप से कार्य कुशलता में वृद्धि होगी और यह न्यायिक व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
केंद्रीय कानून मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा,
“प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम ‘ईज ऑफ डूइंग जस्टिस’ की ओर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। अधोसंरचना के विकास से न्यायिक सुधार की दिशा में ठोस पहल हो रही है, जिससे न्याय सब तक सुलभ हो सके।”
अधिवक्ताओं के लिए सौगात
इस नवनिर्मित चैंबर्स में अत्याधुनिक सुविधाएं जैसे वातानुकूलित कार्यालय कक्ष, वाई-फाई, पुस्तकालय, विश्राम कक्ष, मीटिंग हॉल आदि शामिल हैं। इससे अधिवक्ता बंधुओं को न केवल बेहतर कार्यस्थल मिलेगा, बल्कि उनके पेशेवर विकास के लिए भी यह संरचना उपयोगी सिद्ध होगी।
न्याय व्यवस्था को मिलेगी गति
इस अधोसंरचना के निर्माण से स्पष्ट है कि अब न्याय की प्रक्रिया में दक्षता और गति आएगी। सुविधाओं में विस्तार से अदालतों का संचालन भी अधिक व्यवस्थित और समयबद्ध ढंग से हो सकेगा, जिससे लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे में भी मदद मिलेगी।