अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में ऐतिहासिक आयोजन

Report By: उत्तराखंड डेस्क


भराड़ीसैंण: 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में भव्य और ऐतिहासिक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम न केवल भारत के योग विरासत की गौरवशाली झलक पेश करता है, बल्कि वैश्विक मंच पर उत्तराखंड को योग और आयुष की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है।

कार्यक्रम में विशेष रूप से विभिन्न देशों से आए राजदूतों, उच्चायुक्तों और विदेशी प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने आयोजन को अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया। इन विशिष्ट अतिथियों का स्वागत उत्तराखंडी परंपरा के अनुरूप किया गया। उन्हें उत्तराखंडी पारंपरिक टोपी और देवभूमि के प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए। यह सम्मान उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और ‘अतिथि देवो भव:’ की परंपरा का प्रतीक है।

इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण जी को विशेष आमंत्रित योगाचार्य के रूप में आमंत्रित किया गया। स्वामी जी ने न केवल कार्यक्रम में अपने मार्गदर्शक विचार साझा किए, बल्कि योग के वैज्ञानिक महत्व, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में उसकी भूमिका, और योग के माध्यम से वैश्विक शांति स्थापना पर गहन प्रकाश डाला।

उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ मंत्रीगण, जनप्रतिनिधि, आयुष मंत्रालय के अधिकारी, योग साधक, स्थानीय नागरिक, विद्यार्थी और देशभर से आए योग प्रेमियों की सहभागिता ने इस कार्यक्रम को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम बनाया।

कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, आयुष आधारित प्रदर्शनी, और योग पर आधारित वर्कशॉप्स भी आयोजित की गईं, जिनमें लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

“उत्तराखंड को योग एवं आयुर्वेद की वैश्विक राजधानी के रूप में विकसित करना हमारी प्राथमिकता है। भराड़ीसैंण जैसे प्राकृतिक और शांत वातावरण में इस प्रकार के आयोजनों से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा और देवभूमि की छवि एक वैश्विक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में उभरेगी।”

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