भोजपुर मंडल कारा में हुआ ऐतिहासिक निरीक्षण

Report By: तारकेश्वर प्रसाद
आरा:भोजपुर जिले के मंडल कारा (आरा जेल) में आज एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब जिले के तीनों शीर्ष अधिकारी—प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री भारत भूषण भसीन, भोजपुर के जिलाधिकारी श्री तनय सुलतानिया एवं पुलिस अधीक्षक श्री राज—एक साथ जेल परिसर पहुंचे। उनके साथ जिले के अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी उपस्थित रहे।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मंडल कारा के प्रत्येक पहलू का बारीकी से जायजा लिया। निरीक्षण का उद्देश्य जेल परिसर में बंद कैदियों को उपलब्ध कराई जा रही बुनियादी सुविधाओं, सुरक्षा व्यवस्था, चिकित्सा, स्वच्छता, भोजन, एवं सुधारात्मक गतिविधियों की स्थिति की समीक्षा करना था।
निरीक्षण के दौरान न्यायाधीश श्री भसीन ने कैदियों के रहने की व्यवस्था, बैरकों की स्थिति और स्वास्थ्य सुविधाओं की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जेल सुधार के प्रयासों को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि बंदियों को संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों की रक्षा हो सके।
जिलाधिकारी श्री तनय सुलतानिया ने भोजन व्यवस्था, स्वच्छता और पानी की आपूर्ति जैसे विषयों पर अधिकारियों से सीधे रिपोर्ट ली और कई आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जेल में व्याप्त किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को तत्काल दूर किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक श्री राज ने सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि जेल की सुरक्षा को और सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने जेल कर्मचारियों को चेताया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कैदियों के अधिकार और सुधार कार्यक्रम पर विशेष ध्यान
निरीक्षण के दौरान यह भी देखा गया कि जेल में शिक्षा, कौशल विकास, योग व सांस्कृतिक गतिविधियों की क्या स्थिति है। न्यायाधीश और प्रशासनिक अधिकारियों ने इन कार्यक्रमों को और बेहतर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
सामाजिक कार्यकर्ता की सराहनीय पहल
इस निरीक्षण की जानकारी अधिवक्ता व सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यकर्ता डी. राजन (दुर्गेश नन्दन वर्मा) ने दी। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब भोजपुर जिले के तीनों प्रमुख अधिकारी एक साथ मंडल कारा पहुंचे हैं और इतनी गंभीरता से व्यवस्थाओं का अवलोकन किया है। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि आने वाले समय में जेल व्यवस्था और कैदियों की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिलेगा।
अधिकारियों ने संकेत दिया कि भविष्य में भी समय-समय पर इस तरह के निरीक्षण होंगे ताकि जेल के अंदर चल रही व्यवस्थाओं पर सतत निगरानी रखी जा सके और किसी भी प्रकार की लापरवाही या मानवाधिकार उल्लंघन को रोका जा सके।