पहली महिला आबकारी आयुक्त बनीं IAS अनुराधा पाल, कार्यभार संभालते ही गिनाईं प्राथमिकताएं

Report By: उत्तराखंड डेस्क


देहरादून:उत्तराखंड प्रशासन में एक ऐतिहासिक क्षण आया है, जब आईएएस अधिकारी अनुराधा पाल ने प्रदेश की पहली महिला आबकारी आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला है। राज्य में यह पहली बार है जब किसी महिला अधिकारी को आबकारी विभाग की कमान सौंपी गई है। अनुराधा पाल के इस पद पर आने को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
अनुराधा पाल 2006 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं और अब तक विभिन्न जिलों में ADM, CDO, जिलाधिकारी सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने आबकारी आयुक्त पद का कार्यभार ग्रहण किया और इसके तुरंत बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं को विस्तार से बताया।

नई जिम्मेदारी, नई दृष्टि
कार्यभार संभालने के बाद अनुराधा पाल ने स्पष्ट किया कि वे इस पद को केवल एक प्रशासनिक जिम्मेदारी के तौर पर नहीं, बल्कि एक अवसर के रूप में देखती हैं, जिससे राज्य की राजस्व व्यवस्था को सशक्त और पारदर्शी बनाया जा सके।
उन्होंने कहा, “उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में आबकारी विभाग का महत्वपूर्ण योगदान है। मेरी प्राथमिकता होगी कि राजस्व संग्रहण की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और डिजिटल रूप से सक्षम बनाया जाए। साथ ही अवैध शराब की तस्करी और बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।”

प्राथमिकताएं और कार्ययोजना
IAS अनुराधा पाल ने अपनी प्राथमिकताओं को तीन मुख्य बिंदुओं में रखा:
1. अवैध शराब पर सख्त कार्रवाई: उन्होंने कहा कि अवैध शराब की बिक्री और तस्करी पर सख्ती से रोक लगाने के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाई जाएगी। सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी और ड्रोन व डिजिटल तकनीक की मदद से कार्रवाई की जाएगी।
2. राजस्व बढ़ाने पर जोर: आबकारी विभाग का सीधा संबंध राज्य के राजस्व से है। अनुराधा पाल ने कहा कि विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार लाकर और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देकर राजस्व को अधिकतम किया जाएगा।
3. पारदर्शिता और जनसंपर्क: उन्होंने बताया कि विभाग में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नियमित निरीक्षण, निगरानी और आम जनता से संवाद बनाए रखा जाएगा। शिकायत निवारण तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।

महिला सशक्तिकरण का प्रतीक
IAS अनुराधा पाल का यह नया दायित्व न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी इसका गहरा संदेश है। एक महिला अधिकारी का इस प्रकार के राजस्व और कानून व्यवस्था से जुड़े विभाग में आना, यह दर्शाता है कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।

विभिन्न पदों पर शानदार अनुभव
अनुराधा पाल इससे पहले बागेश्वर, उत्तरकाशी और चमोली जैसे जिलों में जिलाधिकारी के रूप में कार्य कर चुकी हैं। प्रशासनिक अनुभव, जमीनी हकीकत की समझ और जनसंवेदनशीलता उनके कार्यों की पहचान रही है। उनकी कार्यशैली में पारदर्शिता, प्रभावशीलता और सख्त अनुशासन झलकता है।

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