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अवैध संबंध : भाभी ने प्रेमी के साथ मिलकर देवर को मार डाला

सीसीटीवी फुटेज और टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर पुलिस ने पहले सीमा और नीरज सहरावत को हिरासत में लिया।

हत्या करने के बाद आरोपियों ने शव को मेरठ के सरधाना थाना क्षेत्र में फेंक दिया।

रिपोर्ट : आकाश यादव 

फ़ाइल फ़ोटो
                                                                                                              फ़ाइल फ़ोटो

दिल्ली : द्वारका जिले के बाबा हरिदास नगर इलाके में युवक रवि उर्फ सोनू (31) की अगवा करके हत्या मामले की गुत्थी को पुलिस ने 78 दिन बाद सुलझा लिया है। हत्या की साजिश किसी और ने नहीं, बल्कि उसकी भाभी ने अपने प्रेमी व उसके दोस्तों के साथ मिलकर रची थी। पुलिस ने इस संबंध में भाभी और उसके प्रेमी समेत चार आरोपियों को दबोच लिया है। इतना ही नहीं आरोपी इतने शातिर हैं कि 78 दिन तक सोशल मीडिया पर उसे जिंदा दिखाया। हत्या करने के बाद आरोपियों ने उसका मोबाइल ऑन रखा। आरोपी रवि को जिंदा दिखाने के लिए सोशल मीडिया पर उसके पुराने वीडियो डालने लगे।

पुलिस ने आरोपियों की पहचान शिव एंक्लेव ढिचाऊ रोड, नजफगढ़ निवासी सीमा उर्फ रिंकू, इसका प्रेमी गांव जोंधी, झज्जर, हरियाणा निवासी नीरज सहरावत, शिव एंक्लेव, नजफगढ़ निवासी नीरज दहिया और गांव यूसुफपुर-ईसापुर, गाजियाबाद यूपी निवासी अनुभव मलिक के रूप में हुई है। आरोपियों के पास से वारदात में इस्तेमाल पिस्टल, कारतूस, एक मारुति स्विफ्ट कार व तीन मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह ने बताया कि रवि की बहन ज्योति ने 24 मार्च को बाबा हरिदास नगर में अपने भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ज्योति ने बताया कि उसका भाई पांच मार्च 2024 से गायब है। रवि अपने भाई दीपक और भाभी सीमा के साथ शिव एंक्लेव में रहता था और खेती करता था। ज्योति की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। लोकल पुलिस के अलावा एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वायड के इंस्पेक्टर कमलेश कुमार, थाना प्रभारी बलराम सिंह बेनीवाल समेत अन्यों की टीम का गठन किया गया। पुलिस ने मृतक के मोबाइल के सीडीआर के अलावा टेक्निकल सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की

जांच में पता चला कि रवि ने पांच मार्च की रात नीरज से बात की थी। तकनीकी जांच से पता चला कि आठ मार्च तक रवि के फोन की लोकेशन उसके घर के आसपास की ही थी। इसके बाद उसके मोबाइल की लोकेशन जनकपुरी की दिखने लगी। पुलिस ने रवि के परिजनों और जान पहचान वालों के नंबरों की जांच की। पता चला कि पांच मार्च को सीमा का फोन नीरज दहिया इस्तेमाल कर रहा था और उसकी लोकेशन गंग नहर, मोदीनगर के पास की थी। उस रास्ते के टोल प्लाजा के सीसीटीवी में सीमा की स्विफ्ट कार दिखी, जिसे नीरज सहरावत चला रहा था।
ऐसे खुला हत्या का राज
सीसीटीवी फुटेज और टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर पुलिस ने पहले सीमा और नीरज सहरावत को हिरासत में लिया। इस बीच लगातार रवि का मोबाइल 19 मई तक ऑन रहा। शुरुआत में इन दोनों ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन बाद में पुलिस की सख्ती से वह टूट गए। इन लोगों ने हत्या की बात स्वीकार कर ली। सीमा ने बताया कि वह नीरज सहरावत से प्यार करती है और उसके साथ ही रहना चाहती है। उसका देवर इसका विरोध करता था। रवि ने कुछ दिनों पूर्व अपची एक प्रॉपर्टी को 18 लाख रुपये में बेचा था। इसमें से उसको हिस्सा नहीं दिया। कहने पर थोड़े बहुत पैसे दिए, लेकिन बाद में वह रुपये वापस मांगने लगा था। इसी बात को लेकर उसने अपने प्रेमी नीरज सहरावत के साथ उसकी हत्या की साजिश रची।

छह मार्च को सरधना पुलिस को मिल गया था शव

हत्या करने के बाद आरोपियों ने शव को मेरठ के सरधाना थाना क्षेत्र में फेंक दिया। उसको तीन गोलियां मारी गई थीं। अगले ही दिन रवि का शव यूपी पुलिस को मिल गया था। यूपी पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। पहचान न होने पर यूपी पुलिस ने रवि के शव का पोस्टमार्टम कराकर शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। दिल्ली में हत्याकांड का खुलासा हुआ तो पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर नीरज दहिया और अनुभव को भी गिरफ्तार कर लिया।

78 दिन तक सोशल मीडिया पर जिंदा रखा
रवि की हत्या करने के बाद आरोपियों ने उसका मोबाइल ऑन रखा। आरोपी रवि को जिंदा दिखाने के लिए सोशल मीडिया पर उसके पुराने वीडियो डालने लगे। इससे यह लगता रहा कि वह जिंदा है। पूछने पर सीमा अपने पति व रवि की बहन से कहती थी कि उसका मोबाइल ऑन है, वहीं अपनी मर्जी से कहीं चला गया है। पता चला है कि रवि की शादी हुई थी। छह माह बाद ही उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी, तब से वह भाई-भाभी के साथ रहता था।