जनपद सम्भल में डीएम-एसपी की अध्यक्षता में आगामी त्योहारों को लेकर हुई पीस कमेटी की अहम बैठक

Report By: रजत मल्होत्रा
जनपद सम्भल में आगामी धार्मिक अवसरों मुहर्रम और श्रावण मास में कांवड़ यात्रा – को शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पैंसिया एवं पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय पीस कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। यह महत्वपूर्ण बैठक कलक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई, जिसमें प्रशासनिक, पुलिस और नगर निकाय के वरिष्ठ अधिकारी, पीस कमेटी के सदस्य और विभिन्न समुदायों के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
बैठक की शुरुआत में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) प्रदीप वर्मा ने बताया कि श्रावण मास आगामी 11 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है, जबकि मुहर्रम का पर्व भी जुलाई माह में ही मनाया जाएगा। इन दोनों ही अवसरों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु व समुदाय विशेष के लोग शामिल होते हैं, जिसके चलते व्यापक तैयारी और समन्वय की आवश्यकता है।
एडीएम ने स्पष्ट किया कि मुहर्रम में निकलने वाले ताजिया या अलम की ऊँचाई 12 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए, साथ ही डीजे की ऊँचाई भी इसी सीमा में रहे। जिन मार्गों से ताजिया गुजरता है, उनकी स्थिति की समीक्षा कर ली गई है – विशेषकर कहीं बिजली के तार नीचें तो नहीं झूल रहे, अथवा सड़कें जर्जर तो नहीं हैं। इन सभी बिंदुओं पर पीस कमेटी के सदस्यों से फीडबैक लिया गया।
पीस कमेटी के सदस्यों ने त्योहारों के दौरान साफ-सफाई, पेयजल की उपलब्धता और प्रकाश व्यवस्था को लेकर विशेष ध्यान देने की मांग की। साथ ही यह भी प्रस्ताव रखा गया कि महिला जुलूसों या मेलों में महिला पुलिसकर्मियों की पर्याप्त तैनाती की जाए।
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि प्रत्येक ताजिया के साथ एक पुलिस नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो जुलूस के मार्ग और सुरक्षा व्यवस्था की देखरेख करेगा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी डीजे 12 फीट से अधिक ऊंचा नहीं होगा और उसकी आवाज शासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार ही रखी जाएगी।
सभी जुलूसों की निगरानी ड्रोन कैमरों और पुलिस कंट्रोल रूम से की जाएगी। कांवड़ यात्रा को लेकर भी उन्होंने विशेष सतर्कता बरतने की बात कही और बताया कि यात्रा के लिए रूट डायवर्जन प्लान, होल्डिंग एरिया और शिविर स्थलों की पहचान कर ली गई है।
एसपी ने स्पष्ट किया कि शिविर सड़क के दाहिनी ओर न लगाए जाएं, ताकि आपात स्थिति में बाधा न हो। सभी शिविरों में सीसीटीवी कैमरे, अग्निशमन यंत्र और फर्स्ट एड किट की उपलब्धता अनिवार्य की गई है। संबंधित अधिकारियों को इन शिविरों का फील्ड निरीक्षण कर सत्यापन करने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी ने दिए व्यवस्थाओं को लेकर व्यापक निर्देश
डीएम डॉ. राजेन्द्र पैंसिया ने कहा कि मजिस्ट्रेट ड्यूटी के अधिकारी निर्धारित स्थान पर समय से उपस्थित रहें। साथ ही निराश्रित गोवंशों को सड़कों पर न छोड़ा जाए, उन्हें गौशालाओं में संरक्षित किया जाए।
बिजली विभाग को निर्देशित किया गया कि बिजली के खंभों पर पन्नी चढ़ाना सुनिश्चित करें ताकि कोई हादसा न हो। पेयजल व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने तथा साफ-सफाई के लिए क्यूआरटी टीम गठित करने का निर्देश भी दिया गया जो आपात स्थिति में त्वरित सफाई कर सके।
डीएम ने आदेश दिया कि शिविरों में प्लास्टिक का उपयोग पूर्णतः वर्जित होगा और नगर निकायों को निर्देशित किया गया कि कपड़े के थैलों के लिए जनता को प्रेरित करें। साथ ही ठेले व रेहड़ी वालों के लिए निर्धारित स्थल चिन्हित कर उन्हें व्यवस्थित किया जाए।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि प्रमुख मंदिरों, चौराहों, ग्राम पंचायतों, गौशालाओं तथा जनपद के प्रवेश व निकासी बिंदुओं पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। यह निगरानी व्यवस्था सुरक्षा के दृष्टिकोण से अहम है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. तरुण पाठक को निर्देश दिया गया कि सभी स्थानों पर चिकित्सा सहायता, एम्बुलेंस, एंटी वेनम दवाएं आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। घाटों की साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए।
इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट, एडीएम न्यायिक सतीश कुमार कुशवाहा, अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार श्रीवास्तव, एएसपी आलोक भाटी, उप जिलाधिकारी सम्भल विकास चंद, एसडीएम चंदौसी विनय कुमार मिश्रा, एसडीएम गुन्नौर वंदना मिश्रा, डिप्टी कलेक्टर आशुतोष तिवारी, सीओ गुन्नौर दीपक तिवारी, सीओ चंदौसी अनुज चौधरी, अधिशासी अभियंता विद्युत विनोद कुमार गुप्ता, नगर पालिका अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी, अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी एवं पीस कमेटी के सदस्य उपस्थित रहे।