बिहार के राइस मिलरों और आरा मशीन संचालकों के समर्थन में सड़क से संसद तक संघर्ष करेंगे

Report By: तारकेश्वर प्रसाद
आरा: बिहार में अरवा राइस मिलों और आरा मशीन संचालकों की लगातार हो रही उपेक्षा और उत्पीड़न के खिलाफ अब आवाज बुलंद हो चुकी है। भोजपुर के आरा सांसद और भाकपा (माले) नेता सुदामा प्रसाद ने स्पष्ट कहा है कि यदि राज्य सरकार और प्रशासन ने इन समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो इसके खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो यह मुद्दा आगामी पावस कालीन सत्र में संसद में भी उठाया जाएगा।
सांसद सुदामा प्रसाद ने यह बातें आरा परिषदन में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान कहीं, जिसमें बिहार प्रदेश अरवा राइस इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रतिनिधियों, विभिन्न जिलों से आए राइस मिल संचालकों और आरा मशीन व्यवसायियों ने भाग लिया। इस दौरान प्रतिनिधियों ने अपनी समस्याओं को खुलकर रखा और बताया कि राज्य सरकार की गलत नीतियों और अधिकारियों की लापरवाही के कारण पूरे प्रदेश में राइस मिल उद्योग गंभीर संकट में है।
बैठक में प्रतिनिधियों ने बताया कि बिहार में कार्यरत 5300 अरवा राइस मिलें अब बंद होने की कगार पर हैं। राज्य सरकार बिहार के राइस मिलों से चावल अधिप्राप्ति नहीं कर रही है, जबकि बाहर के राज्यों से चावल मंगाया जा रहा है। यह नीति स्थानीय मिलरों के साथ अन्याय है। इस कारण लाखों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं और मिल संचालकों के बैंक खातों को NPA घोषित कर दिया गया है।
प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने धान व चावल की अधिप्राप्ति को लेकर जो एक समान कानून बनाया है, वह बिहार में पूरी तरह से लागू नहीं हो रहा है, जबकि अन्य राज्यों में उसका पालन हो रहा है। उन्होंने मांग की कि बिहार में भी उसी नीति के तहत अधिप्राप्ति की प्रक्रिया लागू की जाए।
बैठक में एक और गंभीर आरोप लगाया गया कि बिहार सरकार ₹3400 प्रति क्विंटल की दर से चावल अधिप्राप्ति कर रही है, जिसे इथेनॉल कंपनियों को मात्र ₹2250 प्रति क्विंटल की दर से बेचा जा रहा है। इसे बजट की लूट बताया गया और कहा गया कि यह नीति सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का एक उदाहरण है।
बैठक में छोटे आरा मशीन संचालकों ने भी अपनी समस्याएं रखीं। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के कुछ अधिकारी उन्हें लाइसेंस के नाम पर परेशान कर रहे हैं, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ रहा है। कई संचालकों ने अपनी व्यक्तिगत व्यथा साझा करते हुए कहा कि छोटे स्तर पर व्यवसाय करने वालों के साथ अन्याय हो रहा है।
इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सांसद सुदामा प्रसाद ने भोजपुर जिलाधिकारी से बात की और समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया।
सांसद सुदामा प्रसाद ने बैठक में उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि वे एक मजबूत संगठन का निर्माण करें ताकि अपनी बात को प्रभावी ढंग से सरकार और प्रशासन तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने बताया कि 13 जुलाई 2025 को रविंद्र भवन, आरा में व्यवसाय महासंघ के स्थापना सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सभी संबंधित व्यवसायियों को भाग लेने का आह्वान किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार इन समस्याओं का समाधान नहीं करती है, तो भाकपा (माले) पूरी ताकत के साथ जन आंदोलन चलाएगी और संसद में भी इस मुद्दे को उठाएगी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में सांसद सुदामा प्रसाद के साथ-साथ माले जिला कार्यालय सचिव दिलराज प्रीतम, निजी सहायक चंदन कुमार, व्यवसाय संघ के कार्यालय सचिव कृष्ण रंजन गुप्ता, बिहार प्रदेश अरवा राइस इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सचित कुमार यादव, राइस मिल संचालक रविंद्र सिंह, अनिल कुमार, मंतोष कुमार गुप्ता, संतु चौधरी, जगन्नाथ प्रसाद, त्रिमूर्ति राय सहित बड़ी संख्या में व्यवसायी और मिल संचालक मौजूद थे।