मौसम बदलने के साथ-साथ वायरल फीवर होने की संभावना भी बढ़ जाती है। हालांकि, हर व्यक्ति को वायरस हो यह जरूरी नहीं, वयस्कों की तुलना में बच्चों को वायरल फीवर होने की संभावना अधिक रहती है।
इसका कारण उनकी कमजोर इम्यूनिटी है। बच्चों को वायरस फीवर होने पर सुस्ती, भूख न लगना, शरीर का तापमान बढ़ना, ठंड लगना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। अधिकांश वायरल फीवर समय और कुछ सहायक इलाज जैसे कोल्ड कंप्रेस और दवाओं से ठीक हो जाता है।
बच्चों में वायरल फीवर के लक्षण
बच्चे अपनी अंदरुनी समस्याओं को ज्यादा व्यक्त नहीं कर पाते हैं। ऐसे में उनके लक्षणों के आधार पर आप उनकी समस्याओं का अंदाजा लगा सकते हैं। बच्चों में वायरस फीवर के लक्षण कई हो सकते हैं.
बच्चों में वायरल फीवर का बचाव
वारयल फीवर संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, सांस लेने या संक्रमित सतहों को छूने से फैलता है। ऐसे में बच्चों को संक्रमित व्यक्ति के दूर रखें।
- बच्चों को हमेशा अच्छे से हाथ धुलाने की आदत डलवाएं।
- संक्रमित व्यक्ति से दूर रखें।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- तरल पदार्थों का सेवन कराएं।
- छींकते या खांसते वक्त मुंह को ढकें, इत्यादि।
बच्चों में वायरस फीवर की समस्या होने पर उनका विशेष ध्यान रखें। खाना न खाने पर उन्हें तरल पदार्थों का सेवन कराएं, ताकि वह शारीरिक रूप से कमजोर न हों। साथ ही उनके लक्षणों पर ध्यान दें और डॉक्टर की उचित सलाह दें। ताकि आपका बच्चा जल्द से जल्द संक्रमण से मुक्त सके।