जीविका भवन का उद्घाटन एवं अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निरीक्षण: स्वच्छता और आजीविका सृजन की दिशा में एक नई पहल

Report By: तारकेश्वर प्रसाद


बड़हरा:जिले में स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण आजीविका को लेकर चल रही पहलों को और मजबूती देते हुए आज भोजपुर के जिलाधिकारी श्री तनय सुल्तानिया की गरिमामयी उपस्थिति में बड़हरा प्रखंड के सेमरिया-पडरिया गांव में नव निर्मित जीविका भवन का उद्घाटन जीविका दीदी के द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने परिसर में स्थापित अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का भी निरीक्षण कर इसकी कार्यप्रणाली की विस्तार से समीक्षा की।

महिलाओं को मिला स्थायी कार्यक्षेत्र
इस नव निर्मित जीविका भवन के उद्घाटन के साथ ही अब जीविका से जुड़ी महिलाओं को बैठकों, प्रशिक्षण सत्रों और कार्यालय कार्यों के संचालन के लिए एक स्थायी, सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित स्थान मिल गया है। जिलाधिकारी श्री तनय सुल्तानिया ने इस मौके पर कहा,

यह भवन न केवल एक भौतिक संरचना है, बल्कि यह जीविका दीदियों के आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है। इससे समूह की महिलाएं अधिक संगठित होकर अपने आर्थिक और सामाजिक दायित्वों का बेहतर निर्वहन कर सकेंगी।”

कचरा से जैविक खाद ग्रामीणों के लिए रोजगार का नया साधन
जिलाधिकारी द्वारा अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निरीक्षण विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा। यहां उन्हें कचरा पृथक्करण (सेग्रीगेशन) से लेकर जैविक खाद तथा प्लास्टिक अपशिष्ट के पुनर्चक्रण तक की पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी गई। इस इकाई के माध्यम से न केवल स्थानीय स्तर पर स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे जुड़े ग्रामीणों को आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा।
इस संदर्भ में जिलाधिकारी ने कहा
इस तरह की इकाइयाँ ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास के लिए आदर्श उदाहरण बन सकती हैं। यह परियोजना न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम है, बल्कि इससे रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे, जिससे गांव की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।”

सभी वार्डों में ‘डोर टू डोर’ कचरा संग्रहण को मिलेगी गति
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी वार्डों में “डोर टू डोर” कचरा संग्रहण प्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं नियमित बनाया जाए, ताकि अपशिष्ट प्रबंधन की प्रक्रिया को व्यवस्थित ढंग से लागू किया जा सके। साथ ही उन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन के प्रत्येक चरण—पृथक्करण, प्रोसेसिंग, और उत्पाद निर्माण—की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए।

शौचालय निर्माण में तेजी लाने का निर्देश
ग्रामीण स्वच्छता के मुद्दे को लेकर भी जिलाधिकारी ने गंभीरता दिखाई। उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देशित किया कि महादलित टोलों में अभी तक शौचालय से वंचित परिवारों की पहचान की जाए और उन्हें शीघ्र इस सुविधा से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाए। यह कदम सरकार की स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों की पूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

उपस्थित रहे कई वरिष्ठ अधिकारी
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त भोजपुर श्रीमती गुंजन सिंह, निदेशक एनईपी, प्रखंड विकास पदाधिकारी बड़हरा, अंचलाधिकारी बड़हरा सहित कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने जीविका भवन और अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई के संचालन पर संतोष व्यक्त किया और भविष्य में ऐसे और भी मॉडल विकसित किए जाने की बात कही।

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