भारत को मिला पाकिस्तान का नया कसाब – SSG कमांडो हाशिम मूसा की तलाश में इंडियन आर्मी का सबसे बड़ा ऑपरेशन!

नई दिल्ली
घाटी एक बार फिर सुलग रही है, और इस बार कारण सिर्फ एक आतंकवादी घटना नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश है — ऐसी साजिश जिसमें पाकिस्तान की सेना, उसका स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG), और अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों की साझेदारी सामने आ रही है। पिछले 9 दिनों से देश की सुरक्षा एजेंसियों ने 90 से ज्यादा ठिकानों पर रेड डाली है। 9000 से अधिक सुरक्षाकर्मी ऑपरेशन में जुटे हैं। और अब, सुरक्षा बलों को एक बड़ी खुफिया जानकारी हाथ लगी है — उस चेहरे की, जिसे भारत का अगला ‘कसाब’ कहा जा रहा है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं हाशिम मूसा की — एक नाम, जो आने वाले दिनों में पाकिस्तान की आतंक नीति का चेहरा बनने वाला है।
कौन है हाशिम मूसा?
- नाम: हाशिम मूसा
- इनाम: 20 लाख रुपये
- पहचान: पूर्व SSG कमांडो, आतंकी संगठन TRF का सक्रिय सदस्य
- कनेक्शन: हाफिज सईद और पाकिस्तान सेना के उच्च अधिकारियों से सीधा संबंध
हाशिम मूसा सिर्फ एक आतंकी नहीं, बल्कि एक ट्रेनिंगशुदा मशीन है, जिसे पाकिस्तान ने भारत में अशांति फैलाने के लिए तैयार किया है। सूत्रों के अनुसार, मूसा पहले पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) में कमांडो था, जहां उसे खुफिया ऑपरेशनों, गुरिल्ला युद्ध और डिजिटल सायबर तकनीक में महारत दिलाई गई।
कैसे हुआ बड़ा खुलासा?
9 दिन पहले कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए हमले ने देश को झकझोर दिया था। एक सुव्यवस्थित, पूर्व-योजना के तहत किया गया हमला, जिसमें भारतीय जवानों को निशाना बनाया गया। हमला इतना सटीक और तकनीकी था कि शुरुआती जांच में शक सीधे बॉर्डर पार चला गया। लगातार चले सर्च ऑपरेशनों और खुफिया इनपुट्स के आधार पर जब नाम सामने आया — हाशिम मूसा का — तो सुरक्षाबलों की रणनीति ही बदल गई।
क्यों है ‘नया कसाब’?
मूसा की पहचान केवल एक आतंकी के रूप में नहीं हो रही, बल्कि एक मास्टरमाइंड के रूप में हो रही है — बिल्कुल वैसे ही जैसे 26/11 के दौरान कसाब को जिंदा पकड़कर भारत ने पाकिस्तान की आतंक नीति को पूरी दुनिया के सामने उजागर किया था। अब कोशिश है कि मूसा को भी जिंदा पकड़ा जाए, ताकि पाकिस्तान के उस नेटवर्क की परतें खोली जा सकें, जो वर्षों से भारत के खिलाफ घिनौनी साजिश रचता रहा है।
हाफिज सईद से कनेक्शन
बताया जा रहा है कि मूसा, हाफिज सईद के निर्देश पर एक्टिव हुआ था। उसने TRF (The Resistance Front) और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों से मिलकर योजना बनाई थी। इस मिशन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का भी पूरा समर्थन प्राप्त था। यही नहीं, वरिष्ठ पत्रकार अरविंद ओझा के अनुसार, हाफिज सईद फिलहाल लाहौर के एक हाई-सिक्योरिटी वाले रिहायशी क्षेत्र में रह रहा है, जहां मस्जिद, पार्क और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।
ऑपरेशन की तैयारी – दुश्मनों के “सफाए” का संकल्प
सूत्रों की मानें, तो आने वाले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं। हाशिम मूसा की लोकेशन अब भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास है, और ऑपरेशन को अंजाम देने की रणनीति तैयार हो चुकी है। इस बार सिर्फ आतंकियों का सफाया नहीं होगा, बल्कि उनके आकाओं तक भी भारतीय सुरक्षा बल पहुंचने की तैयारी में हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान – “इस बार का इलाज सोच से परे होगा”, देश की आक्रोशित भावना को परिभाषित करता है। देश इंतजार कर रहा है उस घड़ी का, जब ये साजिशकर्ता बेनकाब होंगे, और पाकिस्तान को एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा।
कड़ी चेतावनी – पाकिस्तान को अंदर से हिलाएगा भारत
भारत ने इस बार की घटना को एक साधारण आतंकी हमला नहीं, बल्कि एक सीमापार युद्ध का हिस्सा मान लिया है। दिल्ली में हो रही उच्चस्तरीय बैठकों में साफ संकेत मिल रहे हैं कि अब कूटनीति, रणनीति और सेना — तीनों एक साथ पाकिस्तान के खिलाफ सक्रिय हो चुके हैं।
पाकिस्तान को अब समझ लेना चाहिए कि ये 2008 का भारत नहीं है, और ना ही हाफिज सईद जैसे आतंकी इस बार आसानी से बच निकलेंगे।
हाशिम मूसा की गिरफ्तारी या उसका सफाया — दोनों ही स्थितियों में भारत के लिए एक बड़ा मोड़ साबित होंगे। न केवल इससे एक बड़ी आतंकी साजिश विफल होगी, बल्कि यह पाकिस्तान की आतंक को पालने-पोसने वाली नीति की एक और काली परत को भी उघाड़ देगा। अब पूरा देश एक स्वर में यही कह रहा है – “इस बार माफी नहीं, सफाई होगी!”