भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: कौन-से क्षेत्र हैं ग्रोथ इंजन, किस सेक्टर में हैं अपार संभावनाएं?

Report By: अर्थक्षेत्र डेस्क
नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था ने एक और ऐतिहासिक मुकाम हासिल कर लिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, फ्रांस और ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए। 2025 में यह उपलब्धि भारत के विकास की रफ्तार, नीतिगत सुधारों और बढ़ती वैश्विक निवेश रुचि का प्रमाण है।
विकास के इंजन: कौन से क्षेत्र निभा रहे हैं मुख्य भूमिका?
1. सेवा क्षेत्र (Service Sector)
भारत की जीडीपी का लगभग 55% से अधिक हिस्सा सेवा क्षेत्र से आता है। इसमें IT, बैंकिंग, टेलीकॉम, रिटेल और हेल्थकेयर जैसी सेवाएं शामिल हैं। विशेष रूप से IT और सॉफ्टवेयर सेवाओं में भारत की वैश्विक पहचान है। TCS, Infosys और Wipro जैसी कंपनियां भारत को एक डिजिटल पावरहाउस बना रही हैं।
2. उद्योग एवं विनिर्माण (Industry & Manufacturing)
‘मेक इन इंडिया’ जैसी योजनाओं के तहत उद्योग और विनिर्माण क्षेत्र में भारी निवेश हुआ है। इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और रक्षा क्षेत्र में उत्पादन बढ़ा है। सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के क्षेत्र में भारत को वैश्विक हब बनाने की दिशा में तेज़ी से कार्य हो रहा है।
3. कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Agriculture & Rural Economy)
भारत की लगभग 60% आबादी अब भी कृषि पर निर्भर है। सरकार द्वारा MSP, फर्टिलाइज़र सब्सिडी, सिंचाई योजनाएं और ग्रामीण सड़क निर्माण ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल दिया है। कृषि-टेक और फूड प्रोसेसिंग में निवेश बढ़ने से इस क्षेत्र में नई संभावनाएं खुली हैं।
4. इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास (Infrastructure Development)
सड़कों, रेल, मेट्रो, एयरपोर्ट और स्मार्ट सिटी मिशन ने अर्थव्यवस्था में निवेश को बढ़ावा दिया है। PM Gati Shakti योजना के तहत लॉजिस्टिक्स सेक्टर में तेजी से सुधार हो रहा है, जिससे माल और सेवाओं की आवाजाही सुगम हो रही है।
5. डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इकोसिस्टम
भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। डिजिटल पेमेंट, फिनटेक, हेल्थटेक और एडटेक स्टार्टअप्स तेजी से उभर रहे हैं। UPI, ONDC जैसे प्लेटफॉर्म्स ने डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है।
भविष्य में कौन-से सेक्टर हैं गेम चेंजर?
1. ग्रीन एनर्जी और सस्टेनेबिलिटी
भारत सौर और पवन ऊर्जा में विश्व में अग्रणी बनने की दिशा में बढ़ रहा है। नेट ज़ीरो लक्ष्य को लेकर हाइड्रोजन ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों और रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स में भारी निवेश संभावित है।
2. डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग
आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा उत्पादन में निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ रही है। एक्सपोर्ट की संभावनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं।
3. टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी
भारत की सांस्कृतिक विविधता, विरासत स्थल और मेडिकल टूरिज्म वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। e-Visa सुविधा और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारों से यह सेक्टर अगले दशक में एक बड़ा योगदानकर्ता बन सकता है।
4. एजुकेशन टेक्नोलॉजी और स्किलिंग
नई शिक्षा नीति और डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए भारत युवाओं को भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार कर रहा है। इससे मानव संसाधन की गुणवत्ता में सुधार होगा।