जेल अधीक्षक अशोक जेलर संतोष वार्डर जगमोहन गिरफ्तार भेजे गए जेल
Sanjay Sahu Chitrakoot
चित्रकूट, निखत अब्बास से जुड़े मामले हर दिन नए- नए खुलासे लेकर आ रहे हैं । आज जेल अधीक्षक व अन्य दो अधिकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लखनऊ जेल भेज दिया है। रविवार को इन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सोमवार को पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला प्रेस कांफ्रेंस कर जानकरी दी है।
बातातें चलें कि रगौली स्थित जिला जेल में अनधिकृत गतिविधियां चलने की जानकारी होने पर बीती 10 फरवरी को जिलाधिकारी अभिषेक आनंद और पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने औचक मुआयना किया था। इस दौरान मऊ विधायक अब्बास अंसारी और उसकी पत्नी निखत बानो को गैरकानूनी रूप से मुलाकात में पकड़ा गया था। सोमवार को एसपी ने बताया कि मामले की विवेचना में पाया गया कि जेल अधीक्षक अशोक सागर, जेलर संतोष और वार्डर जगमोहन की जेल में अनधिकृत गतिविधियों में मुख्य भूमिका रही है। अब्बास अंसारी ने इनको नियमित रूप से पैसे का प्रलोभन दिया गया, जिसको पाकर ये लोग बिना किसी रोकटोक के उसकी पत्नी ड्राइवर को फोन और अन्य सामान भी जेल में लेकर जाने देते रहे। जेल में भी अब्बास को खुली छूट मिली। एसपी ने बताया कि छह मार्च को मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने चकरेही चौराहा कर्वी से आरोपी अशोक कुमार सागर पुत्र भिखारी सिंह निवासी मानपुर थाना खानपुर जिला बुलंदशहर, संतोष कुमार पुत्र स्व. रामलखन निवासी बिहरदर थाना चंदवक जिला जौनपुर और जगमोहन सिंह पुत्र सीताराम सिंह निवासी नगलादेह थाना मांट जिला मथुरा को गिरफ्तार किया। गौरतलब है कि इसके पूर्व पुलिस इनसे दो दिन तक पूछतांछ कर चुकी थी। अशोक सागर व संतोष कुमार की जामातलाशी में मोबाइल फोन भी बरामद हुए।
कैंटीन संचालक नवनीत के माध्यम से मिलता था पैसा
एसपी ने बताया कि कैंटीन संचालक नवनीत सचान, जिसे पहले ही जेल में भेजा जा चुका है, के माध्यम से जेल के आरोपी अधिकारियों-कर्मचारियों को पैसा दिया जाता था। आखिरी बार सात फरवरी को जेल अधीक्षक व जेलर को पैसा दिया गया था। छह लाख की रकम नवनीत से जगमोहन लेकर आया था और इन लोगों को दिया था। एसपी के अनुसार, आरोपियों की निशानदेही पर जेल अधीक्षक से चार लाख रुपये व जेलर से एक लाख अस्सी हजार रुपये बरामद हुए।
कार की पहली किस्त अंसारी ने दी
एसपी ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया कि अब्बास अंसारी ने जेल अधीक्षक को मिलाई के एवज में किया कंपनी की महंगी कैरेंस कार मऊ से खरीदकर दी थी। जांच में यह भी पता चला कि कार की पहली किस्त अब्बास अंसारी ने नकद दी थी। कार को पुलिस ने बरामद कर लिया है।
बिजली कब-कब गई, पता कर रहे
एसपी ने बताया कि जांच में पता चला है कि बिजली आपूर्ति जाने और इसके बाद जनरेटर चालू होने के बीच निखत को अंदर कर दिया जाता था। ऐसे में बिजली विभाग से डाटा मंगाया जा रहा है कि मिलाई के दिनों में कब-कब बिजली आपूर्ति बाधित हुई और इससे यह भी पता चल जाएगा कि कहीं जेल से ही तो बिजली गायब नहीं कर दी जाती थी।
संतरी की ड्यूटी पर था जगमोहन
एसपी ने बताया कि 10 फरवरी की सीसीटीवी फुटेज देखने पर पाया गया कि इस दिन वार्डर जगमोहन संतरी पोस्ट पर जेल के बाहर तैनात था। आकस्मिक निरीक्षण होने पर वह जेल अधीक्षक के इशारे पर अंदर आया था और अब्बास अंसारी को डिप्टी जेलर चंद्रकला, जो पहले ही गिरफ्तार हो चुकी है, के कमरे से निकालकर बैरिक की ओर ले गया था। इस काम के लिए वह चौकी प्रभारी रगौली से आग्रह करता भी नजर आया। गौरतलब है कि चौकी प्रभारी ने ही इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
आठ आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त में
जिला जेल में अवैध मुलाकात मामले की जांच की आंच से अब तक आठ आरोपी प्रभावित हो चुके हैं। अब तक निखत बानो, चालक नियाज, फराज खान, नवनीत सचान, चंद्रकला, अशोक सागर संतोष कुमार और जगमोहन की गिरफ्तारी हो चुकी है।