समस्त निर्माणाधीन बाढ़ परियोजनाएं आगामी 20 जून तक हर हाल में पूर्ण कर ली जाएँ
परियोजनाओं की गुणवत्ता की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्रीय मुख्य अभियंता की होगी
बाढ़ के प्रति समेकित दृष्टिकोण अपनाते हुए संभावित बाढ़ आपदा से निपटने के लिए सजग, तत्पर एवं कृत संकल्पित रहें
प्रदेश के समस्त अति संवेदनशील तटबंधों पर निगरानी हेतु नामित अधिकारी एवं कर्मचारी सतत निगरानी करते रहें
बाढ़ नियंत्रण कक्षों को आगामी 15 जून 2024 से संपूर्ण बाढ़ अवधि में सतत रूप से क्रियाशील रखें
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया की समस्त निर्माणाधीन बाढ़ परियोजनाएं आगामी 20 जून तक हर हाल में पूर्ण करा ली जाए। परियोजनाओं की गुणवत्ता की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्रीय मुख्य अभियंता की होगी, इसलिए समस्त क्षेत्रीय मुख्य अभियंता अनिवार्य रूप से अपने क्षेत्र के अंतर्गत निर्माणाधीन परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण जरूर करें। उन्होंने कहा कि वो स्वयं परियोजनाओं स्थलीय निरीक्षण करेंगे और यदि किसी प्रकार की खामी पाई जाती है तो संबंधित मुख्य अभियंता की जवाबदेही तय की जाएगी। उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने यह निर्देश आज यहां उदयगंज स्थित सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के मुख्यालय में विभागीय अधिकारियों के साथ बाढ़ पूर्व तैयारियों तथा अन्य विभिन्न विषयों पर समीक्षा बैठक में दिया। श्री स्वतंत्र देव सिंह ने इस अवसर पर कहा कि बाढ़ के प्रति समेकित दृष्टिकोण अपनाते हुए संभावित बाढ़ आपदा से निपटने के लिए सजग, तत्पर एवं कृत संकल्पित रहें।
स्वतंत्र देव सिंह ने समीक्षा बैठक में विभाग के रिक्त पदों की जानकारी ली और विभागाध्यक्ष को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द विभाग के रिक्त पदों को भरे जाने की प्रक्रिया पूर्ण कराई जाए।
स्वतंत्र देव सिंह ने निर्देश दिया की स्थानांतरण नीति के अनुसार समय से स्थानांतरण की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाय। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि 03 वर्ष से अधिक समय से एक ही जिले या पटल पर कार्यरत कर्मचारियों का स्थानांतरण या पटल परिवर्तन अनिवार्य रूप से किया जाए और स्थानांतरण हो जाने के उपरांत किसी भी दशा में स्थानांतरण आदेश में संशोधन नहीं होना चाहिए।
स्वतंत्र देव सिंह ने निर्देश दिया कि जारी प्रदेश के समस्त अति संवेदनशील तटबंधों पर निगरानी हेतु नामित अधिकारी एवं कर्मचारी सतत निगरानी करते रहें। बाढ़ अवधि में बाढ़ सूचनाओं के संकलन एवं संप्रेषण हेतु लखनऊ में स्थापित केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष तथा विभिन्न जनपदों में स्थापित समस्त बाढ़ नियंत्रण कक्षों को आगामी 15 जून 2024 से संपूर्ण बाढ़ अवधि में सतत रूप से क्रियाशील रखें।
उन्होंने निर्देश दिया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के जलप्लावन को न्यूनतम करने हेतु ड्रेनों (वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 4020 ड्रेनों की सफ़ाई करानी है जिनकी कुल लंबाई 15585 किलोमीटर है) की सफाई का कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि कृषकों को सिंचाई हेतु नहरों में टेल तक पानी पहुंचाया जाना आपका प्रमुख कर्तव्य होना चाहिए। अन्नदाता किसानों की परिश्रम की पराकाष्ठा पर जाकर सेवा करें।
विभागीय अधिकारियों द्वारा समीक्षा बैठक में बाढ़ संबंधी प्रस्तुतीकरण में अवगत कराया गया कि बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करने हेतु उत्तर प्रदेश राज्य बाढ़ नियंत्रण परिषद की 57वीं एवं 58वीं बैठक में अनुमोदित प्रदेश के 48 जनपदों की कुल 281 बाढ़ सुरक्षात्मक परियोजनाएं तथा पूर्व चलित 57 बाढ़ परियोजनाओं को आगामी 20 जून तक पूर्ण कर लिया जाएगा। प्रदेश में बाढ़ बचाव हेतु कुल 523 तटबंध निर्मित है, समस्त अति संवेदनशील तटबंधों पर अतिरिक्त अवर अभियंताओं/सहायक अभियंता की ड्यूटी लगा दी गई है। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए 41 जनपदों में 213 चिन्हित स्थलों पर रिजर्व स्टॉक का एकत्रीकरण कर लिया गया है। नदी की धारा के चपेट में आने वाले 657 अति संवेदनशील तथा संवेदनशील स्थलों पर मरम्मत का कार्य कर लिया गया है। 40 जनपदों में 916 बाढ़ सुरक्षा समितियां का गठन कर लिया गया है। मुख्यालय स्तर से टीम गठित कर बाढ़ प्रभावित जनपदों में बाढ़ पूर्व तैयारियों का भौतिक सत्यापन कर लिया गया है। 52 जनपदों में बाढ़ नियंत्रण कक्षाओं की स्थापना कर ली गई है।
इस अवसर पर जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन अनिल गर्ग, प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष अखिलेश कुमार सचान, प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन संदीप कुमार, प्रमुख अभियंता (यांत्रिक) चेतन महेश्वरी सहित संबंधित क्षेत्रीय मुख्य अभियंता तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।