पहलगाम हमले पर सियासी संगठनों का एकजुट रुख, जेडीयू नेता केसी त्यागी बोले- सेना को पूरी छूट, देश एकजुट होकर देगा जवाब

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए नृशंस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। इस कायराना हमले को लेकर देशभर में आक्रोश है और केंद्र सरकार की ओर से लगातार उच्चस्तरीय बैठकें की जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए कई बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, सेना प्रमुख, गृह मंत्री और खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों के साथ बैठकें हो चुकी हैं।
इस बीच, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि देश की सेना को इस हमले का माकूल जवाब देने के लिए पूरी छूट मिल चुकी है और सभी राजनीतिक दल सरकार के साथ एकजुट हैं। केसी त्यागी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “जो अपमान और जो नृशंस हत्याकांड पहलगाम में हुआ है, पाकिस्तान को उसका जवाब देने की तैयारी हो चुकी है।”
सेना को कार्रवाई की पूरी स्वतंत्रता
केसी त्यागी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, “कई दिनों से बैठकों का दौर चल रहा है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के बीच लगातार मंथन हो रहा है। इस हमले का जवाब सिर्फ बयानबाज़ी से नहीं, बल्कि ज़मीन पर ठोस कार्रवाई से दिया जाएगा। सेना को यह तय करने की छूट है कि कब, कैसे और कहां प्रहार करना है। यह पूरी तरह से सैन्य रणनीति के अधीन है।”
उन्होंने यह भी कहा कि बीते सप्ताह जो सर्वदलीय बैठक हुई थी, उसमें सभी दलों ने एक स्वर में सरकार का साथ देने का आश्वासन दिया है। “इस समय राजनीति नहीं, राष्ट्रहित सर्वोपरि है,” उन्होंने जोड़ते हुए कहा।
राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता का माहौल
यह पहली बार नहीं है जब किसी आतंकी घटना के बाद विपक्ष और सत्तापक्ष एकजुट होकर खड़े नजर आए हैं। लेकिन इस बार का माहौल बेहद संवेदनशील और गंभीर है। पहलगाम में जिस तरह से निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया, उसने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए, बल्कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क की बर्बरता को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
सभी प्रमुख राष्ट्रीय दलों — कांग्रेस, बीजेपी, तृणमूल कांग्रेस, सीपीएम, बसपा, सपा, शिवसेना, एनसीपी और अन्य — ने इस हमले की निंदा की है और आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मांग की है।
सरकार की रणनीति: जवाब होगा निर्णायक
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने सुरक्षा बलों को हरसंभव समर्थन देने का फैसला किया है। सीमा पर निगरानी और सख्ती बढ़ाई जा चुकी है। आतंकी लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “फैसला हो चुका है। अब समय और तरीका सेना तय करेगी।”
दुनियाभर से मिला भारत को समर्थन
इस हमले के बाद दुनिया के कई देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई है। अमेरिका, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन सहित कई देशों ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की है और भारत को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग का आश्वासन दिया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी इस कायराना हमले पर दुख जताया और आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयासों पर बल दिया।
आगे की राह
अब सवाल यह है कि सरकार की अगली रणनीति क्या होगी? सेना कब और कैसे जवाब देगी? यह तय करना गोपनीय रणनीति का हिस्सा है। लेकिन यह तय है कि देश अब और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। जनता, राजनीतिक दल और सुरक्षा एजेंसियां — सब एकजुट हैं।
जेडीयू नेता केसी त्यागी के इस बयान को देश की राजनीतिक एकता का प्रतीक माना जा रहा है। उन्होंने जो स्पष्टता से कहा कि “सेना को तय करना है, कब, कैसे और कहां प्रहार करना है”, वह इस बात का संकेत है कि सरकार अब किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगी।
पहलगाम हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरे देश को एकजुट होकर खड़ा होना होगा। केसी त्यागी जैसे नेताओं के बयान यह भरोसा दिलाते हैं कि चाहे कोई भी पार्टी हो, जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तो पूरा भारत एक साथ खड़ा होता है। अब देश को अपने सैनिकों पर भरोसा है और उम्मीद है कि इस बर्बर हमले का करारा जवाब जल्द ही देखने को मिलेगा।
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