कारगिल विजय दिवस 2025: शहीदों को समर्पित कार्यक्रम में गूंजा ‘जय भारत, जय बलिदानी’ का स्वर

Report By: उत्तराखंड डेस्क
उत्तराखंड: आगामी 26वें कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर उत्तराखंड के सभी जिलों में भावुक और गर्वपूर्ण माहौल में भारतीय सेना द्वारा एक विशेष श्रद्धांजलि एवं सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों को याद करना और उनके परिजनों को सम्मानित करना था।
इस विशेष कार्यक्रम में सेना के वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व सैनिक, स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। वातावरण देशभक्ति से ओत-प्रोत था, और हर उपस्थित व्यक्ति की आँखों में गर्व और सम्मान के आँसू झलक रहे थे।
वीरता की गौरवगाथा: जब जवानों ने दुश्मनों को किया परास्त
कार्यक्रम की शुरुआत नायब सूबेदार सुधीर चंद्र और उनकी टीम की प्रेरक प्रस्तुतियों से हुई, जिसमें उन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध के वास्तविक अनुभवों और वीरगाथाओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह भारत माता की शान के लिए हमारे जवानों ने दुर्गम चोटियों पर दुश्मन के दांत खट्टे कर दिए।
वो चोटियाँ जहाँ आज तिरंगा शान से लहरा रहा है, वहीं कभी दुश्मन की गोलियों की बौछार हुआ करती थी। लेकिन हमारे वीरों ने हार नहीं मानी,” – सुधीर चंद्र।
शहीद परिवारों को सौंपे गए स्मृति चिन्ह
सेना की ओर से प्रत्येक शहीद परिवार को सम्मान चिन्ह (memorial memento) भेंट किए गए। जैसे ही जवानों ने परिजनों को यह सम्मान सौंपा, भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। परिजनों ने अपने जज़्बात साझा करते हुए कहा:
पति, बेटा, भाई को खो दिया, पर आज महसूस हुआ कि वो अकेले नहीं थे। पूरी भारतीय सेना उनके पीछे खड़ी है।”
यह केवल एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि यह विश्वास दिलाने का अवसर था कि देश अपने रक्षक वीरों को कभी नहीं भूलता।
जागरूकता अभियान की शुरुआत
भारतीय सेना ने इस अवसर पर एक Awareness Campaign की भी शुरुआत की, जिसका उद्देश्य युवाओं को प्रेरित करना और उन्हें सेना की भूमिका और बलिदान के बारे में जागरूक करना है। इस अभियान के अंतर्गत स्कूलों और कॉलेजों में कार्यक्रम, वीर गाथा पाठ, और देशभक्ति पोस्टर प्रदर्शनी जैसे आयोजन किए जाएंगे।
देशभक्ति से गूंजा उत्तराखंड
कार्यक्रम के अंत में जब ‘भारत माता की जय’ और ‘जय वीर बलिदानी’ के नारे लगे, तो हर नागरिक के मन में राष्ट्रप्रेम की लहर दौड़ गई। युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने इस कार्यक्रम को यादगार और प्रेरणादायक बताया।