हर पल मोबाइल की खनक क्यों खींचती है ध्यान जानिए रहस्य

Report By: कर्मक्षेत्रटीवी,डेस्क

आज के डिजिटल युग में लगभग हर किसी की ये आदत बन गई है कि बार-बार मोबाइल फोन को अनलॉक कर उसकी स्क्रीन देखता है, चाहे कोई नोटिफिकेशन आया हो या नहीं। लोग सोते समय भी फोन लेकर सोते हैं और सुबह उठते ही सबसे पहले फोन चेक करते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि हम ऐसा क्यों करते हैं? इसके पीछे कोई साधारण आदत नहीं, बल्कि एक बड़ा न्यूरोकेमिकल कारण है – जिसका नाम है डोपामाइन (Dopamine)

डोपामाइन क्या है?
डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो हमारे मस्तिष्क में संदेशवाहक की तरह काम करता है। इसे “फील-गुड” हार्मोन भी कहा जाता है क्योंकि यह खुशी, संतोष, प्रेरणा और ध्यान जैसे भावनात्मक अनुभवों से जुड़ा होता है। जब हमें कोई अच्छा अनुभव होता है – जैसे कोई तारीफ मिलना, स्वादिष्ट भोजन खाना, या सोशल मीडिया पर किसी पोस्ट पर लाइक मिलना – तो मस्तिष्क डोपामाइन छोड़ता है जिससे हमें अच्छा महसूस होता है।


फोन और डोपामाइन का संबंध
जब हम मोबाइल फोन चेक करते हैं और कोई नया नोटिफिकेशन, मैसेज, या लाइक मिलता है, तो हमारे दिमाग को एक छोटा सा इनाम मिलता है – डोपामाइन रिलीज होता है। ये छोटा-छोटा इनाम हमें बार-बार फोन देखने के लिए प्रेरित करता है।
धीरे-धीरे, ये एक आदत बन जाती है – जिसे “डिजिटल डोपामाइन लूप” कहा जाता है। इसका मतलब है कि हम एक साइकल में फंस जाते हैं जहां हमें खुशी और संतुष्टि पाने के लिए बार-बार फोन चेक करना पड़ता है।

डोपामाइन की कमी के लक्षण
अगर शरीर में डोपामाइन का स्तर गिरता है तो इसका असर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। इसके कुछ सामान्य और गंभीर लक्षण हैं:
1. उदासी और निराशा – डोपामाइन की कमी से डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
2. मनोदशा में बदलाव – कभी ज्यादा चिड़चिड़ापन, तो कभी उदासी।
3. मनोबल में कमी – किसी काम को करने की इच्छा नहीं होती।
4. थकान महसूस होना – शारीरिक और मानसिक थकावट बनी रहती है।
5. नींद की समस्या – अनिद्रा या अत्यधिक नींद आना।
6. ध्यान और एकाग्रता की कमी – लंबे समय तक किसी चीज़ पर ध्यान नहीं दे पाना।
7. कम सेक्स ड्राइव – यौन इच्छा में कमी आना।
8. कम आत्मविश्वास और प्रेरणा आत्मबल घटने लगता है।

क्या करें इस आदत से बचने के लिए?
अगर आप महसूस करते हैं कि आप दिनभर बार-बार फोन चेक कर रहे हैं, और इसके बिना बेचैनी होती है, तो आपको कुछ बदलाव करने की ज़रूरत है:
फोन का समय तय करें –सोशल मीडिया या चैटिंग के लिए एक निश्चित समय निर्धारित करें।
नोटिफिकेशन बंद करें – सभी ऐप्स की अनावश्यक नोटिफिकेशन बंद कर दें।
डिजिटल डिटॉक्स करें – हफ्ते में एक दिन फोन से दूरी बनाएं।
रियल एक्टिविटीज में हिस्सा लें – किताबें पढ़ें, वॉक पर जाएं, लोगों से आमने-सामने बात करें।
योग और ध्यान – मानसिक शांति पाने के लिए मेडिटेशन और प्राणायाम करें।

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