वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आरा में इंसाफ मंच व भाकपा माले का जोरदार प्रदर्शन, क्यामुद्दीन अंसारी बोले – यह संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला

रिपोर्ट – तारकेश्वर प्रसाद
बिहार के भोजपुर जिले के मुख्यालय आरा में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आज जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। यह प्रदर्शन इंसाफ मंच और भाकपा माले (CPI-ML) के संयुक्त बैनर तले आयोजित किया गया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाया गया वक्फ संशोधन कानून न केवल सांप्रदायिक और संविधान विरोधी है, बल्कि इससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक आजादी पर सीधा हमला होता है।
जेपी स्मारक स्थल से निकला विरोध मार्च
यह प्रतिवाद मार्च आरा के कलेक्ट्रीए तालाब स्थित जेपी स्मारक स्थल से आरंभ हुआ। मार्च की अगुवाई इंसाफ मंच के राज्य सचिव क्यामुद्दीन अंसारी और भाकपा माले के केन्द्रीय कमिटी सदस्य व अगिआंव के पूर्व विधायक मनोज मंजिल ने की। यह मार्च कलेक्ट्रीए, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर स्मारक, कचहरी रोड, गोला मुहल्ला होते हुए टाउन थाना चौक पहुंचा, जहां यह एक सभा में तब्दील हो गया।
क्यामुद्दीन अंसारी का तीखा हमला – यह कानून काला कानून है
सभा को संबोधित करते हुए क्यामुद्दीन अंसारी ने कहा कि, “वक्फ संशोधन कानून एक काला कानून है, जो मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता को कुचलने का एक हथियार बन चुका है। भाजपा सरकार बार-बार संविधान और लोकतंत्र पर हमले कर रही है। अल्पसंख्यकों, दलितों और महिलाओं पर हमलों में तेजी आई है। अब तो हर मस्जिद में मंदिर ढूंढा जा रहा है। यह कैसा लोकतंत्र है?”
उन्होंने जोर देकर कहा कि, “यह लड़ाई सिर्फ मुसलमानों की नहीं है, बल्कि हर सेक्युलर और लोकतंत्र पसंद नागरिक की लड़ाई है। हमें मिलकर इस संविधान विरोधी और सांप्रदायिक कानून के खिलाफ आवाज बुलंद करनी होगी।”
मनोज मंजिल का ऐलान – कानून वापस लेने को करेंगे मजबूर
भाकपा माले नेता मनोज मंजिल ने कहा, “आज जब देश में मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आई है, तो उसका हमला और तेज हो गया है। बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान पर हमले अब खुलकर हो रहे हैं। लेकिन हम चुप नहीं बैठेंगे। हम अपने जनांदोलन के बल पर इस काले कानून को वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर कर देंगे।”
अन्य वक्ताओं की भी मुखर आवाज
सभा को संबोधित करते हुए भोला महतो ने कहा, “हम मुसलमानों की धार्मिक आजादी की रक्षा के लिए जान तक लड़ा देंगे। हमें न संविधान से खिलवाड़ मंजूर है, न धर्म पर हमला।”
इस मौके पर कई अन्य सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता भी मौजूद थे, जिनमें प्रमुख रूप से इंसाफ मंच के जिला सचिव अजय राम उर्फ गांधी, भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य व आरा नगर सचिव सुधीर सिंह, पकड़ी मस्जिद के इमाम कासीफ राजा, सोबराती अंसारी, सैफुल राजा, मो. झलासी, राजनाथ राम, बब्लू कुमार गुप्ता, कैमुद्दीन अंसारी, राजेंद्र यादव, रौशन कुशवाहा, दिलराज प्रीतम, अमित कुमार बंटी, अमित माला कार, मो. अतु भाई, और दिनेश सिंह शामिल थे।
संविधान की रक्षा और अल्पसंख्यकों के हक की लड़ाई जारी रहेगी
आज का यह विरोध प्रदर्शन एक स्पष्ट संकेत है कि देश का जागरूक नागरिक वर्ग लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए सड़क पर उतरने को तैयार है। वक्फ संशोधन कानून, जिसे संविधान विरोधी और सांप्रदायिक कानून कहा जा रहा है, के खिलाफ यह संघर्ष अब पूरे राज्य में तेज होने के आसार हैं।