महादलित टोले में धूमधाम से मनाया गया लालू प्रसाद यादव का 78वां जन्मदिन, जनसेवा और सामाजिक समर्पण का अद्भुत उदाहरण

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा (बिहार)
आरा:राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद यादव का 78वां जन्मदिन पूरे राज्य में हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। जहां एक ओर पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने अपने-अपने स्तर पर आयोजन कर उन्हें शुभकामनाएं दीं, वहीं भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड अंतर्गत गीधा गांव के महादलित टोले में एक अनूठा और सराहनीय आयोजन किया गया, जिसने लालू यादव के सामाजिक सरोकारों और जनसेवा के मूल्यों को एक नई ऊंचाई दी।
इस विशेष अवसर पर ‘बड़हरा की बेटी’ और सामाजिक कार्यकर्ता सोनाली सिंह के नेतृत्व में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय महादलित समुदाय के सैकड़ों लोग शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत महादलित टोले में बच्चों, महिलाओं और स्थानीय नागरिकों के साथ हुई। सोनाली सिंह ने खुद बच्चों के साथ केक काटकर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की और बच्चों को केक खिलाकर उनके चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी।
महिलाओं को साड़ी वितरण से जुड़ा जनसेवा का संदेश
इस आयोजन की सबसे खास बात यह रही कि इसे केवल एक जन्मदिन समारोह तक सीमित नहीं रखा गया, बल्कि इसे जनसेवा से जोड़ते हुए सैकड़ों महादलित महिलाओं के बीच साड़ियों का वितरण किया गया। यह पहल न केवल सम्मान और अपनत्व का प्रतीक बनी, बल्कि समाज के सबसे वंचित तबके तक पहुंचकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने का भी प्रयास साबित हुई।
इस मौके पर ‘लालू यादव जिंदाबाद’ के नारे गूंजते रहे और पूरे क्षेत्र में एक उत्सव जैसा माहौल बना रहा। हर चेहरे पर खुशी, हर आँखों में सम्मान और जुबां पर नेता के प्रति आभार साफ झलक रहा था।
सोनाली सिंह ने लालू यादव को बताया प्रेरणा स्रोत
कार्यक्रम के दौरान सोनाली सिंह ने कहा,
“माननीय लालू प्रसाद यादव जी मेरे लिए एक पिता तुल्य हैं। उनके 78वें जन्मदिन पर ईश्वर से उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करती हूं। आज उनके जन्मदिन के अवसर पर मुझे महादलित समाज के बीच जाकर यह विशेष दिन मनाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, यह मेरे जीवन का एक गर्वपूर्ण क्षण है।”
उन्होंने आगे कहा कि लालू यादव हमेशा से ही समाज के पिछड़े, शोषित और वंचित वर्ग की आवाज बने रहे हैं। उनके सामाजिक और राजनीतिक संघर्षों ने करोड़ों लोगों को प्रेरणा दी है और आज उन्हीं की प्रेरणा से हम समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।
समरसता, अपनापन और बदलाव का संदेश
कार्यक्रम में शामिल बच्चों, महिलाओं और स्थानीय लोगों के चेहरों पर जो मुस्कान थी, वह इस बात की गवाही दे रही थी कि समाज में सकारात्मक बदलाव सिर्फ भाषणों से नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर किए गए कार्यों से आता है। इस आयोजन ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि समरसता, अपनापन और स्नेह ही वह शक्ति है जो सामाजिक असमानता को मिटाकर एक मजबूत समाज की नींव रख सकती है।
भविष्य में भी जारी रहेगा जनसेवा का यह सिलसिला
इस अवसर पर सोनाली सिंह ने संकल्प लिया कि आने वाले दिनों में भी वे लगातार वंचित वर्ग के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनेंगी और उन्हें हल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी। उन्होंने कहा,
“मेरे लिए राजनीति सिर्फ एक माध्यम है, असली मकसद जनसेवा है। ऐसे आयोजन समाज की असल जरूरतों को जानने और उनके समाधान की दिशा में एक छोटा लेकिन प्रभावशाली कदम हैं।”
स्थानीय जनता और सहयोगियों का रहा विशेष योगदान
कार्यक्रम को सफल बनाने में स्थानीय महिलाओं, युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रही। आयोजन पूरी तरह शांतिपूर्ण और गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ, जिसने क्षेत्र में सामाजिक जागरूकता और सकारात्मकता का एक मजबूत संदेश छोड़ा।